Category: जीवनमंत्र

जीवनमंत्र

भीतर का अंधकार मिटाएं-जीवनमंत्र 24 सी

एक दीप ऐसा भी जलाएं आज दीपावाली है, प्रकाश पर्व। प्रकाश की अनुपस्थिति ही अंधकार का अस्तित्व है। अपने घरों को सजाएं। मिठाइयां बांटे। अपने-अपने विधि विधान से पूजा अर्जना…

चाबी खो जाने की चिंता नहीं, फोन से खुलेगा दरवाजा

गुजवि के सहायक प्रो. तथा उनकी टीम को मिला आस्ट्रेलियन पेटंट आने जाने वालों का पूरा रहेगा हिसाबस्मार्ट लॉक सिक्योरिटी सिस्टम की की गई है खोज24सी न्यूजआपके घर की चाबी…

ऐसे दी जौहरी ने भाई के पुत्र को शिक्षा-जीवनमंत्र 24सी

बताने की बजाय समझाना असली शिक्षा है एक बार एक जौहरी की अकाल मृत्यु हो जाने के बाद उसका परिवार आर्थिक संकट से घिर गया। जौहरी की पत्नी ने अपने…

‘सहत मिले तो दूध है, मांगि मिलै तो पानी’-कबीर, जीवनमंत्र 24सी

कबीर वाणी किसी वस्तु को पाने के लिए लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। खींचातानी और लड़ाई झगड़े से प्राप्त की गई वस्तु अपना महत्व ही नहीं खो देती बल्कि गलत प्रभाव…

‘बिना कसौटी होत नहिं, कचन की पहचान’-महात्मा कबीर, जीवनसूत्र 24सी

महात्मा कबीर की वाणी केवल उत्तम वेश धारण करने से कोई व्यक्ति उत्तम नहीं हो जाता है। साधु का बाणा पहनने से कोई साधु नहीं हो जाता। वेश तो बस…

खोद खाद धरती सहै, काट कूट वन राय’-महात्मा कबीर, जीवनसूत्र, 24 सी

महात्मा कबीर वाणी निंदा या कठारे वचनों को साधरण व्यक्ति सहन नहीं कर पाता है। वो विचलित हो जाता है। क्रोध करने लगता है। आपा खो देता है। जिस व्यक्ति…

धीरे-धीरे से मना, धीरे सब कुछ होय-महात्मा कबीर, जीवनसूत्र-24सी

महात्मा कबीर वाणी सफलता के धैर्य जरुरी है। धैर्यवान व्यक्ति जीवन में असफल नहीं होता। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए मंजिल मिल ही जाती है। अधीर होकर जल्दबाजी करने से फायदे…

कभी किसी की निंदा या अपमान ना करें- जीवनसूत्र24सी

महात्मा कबीरदास जी की वाणी मनुष्य को कभी किसी का अपमान या निंदा नही करनी चाहिए। चाहे कोई बड़ा हो या छोटा। गरीब हो या अमीर। हैसियत को हमें नहीं…

परमात्मा को भीतर खोजें-जीवनसूत्र 24सी

आज का जीवनसूत्र एक महिला फ़कीर थी राबिया। एक शाम वो बाहर गली में कुछ खोज रही थी। बड़े ध्यान से लगातार कुछ खोजे जा रही थी। उसे खोज में…

भगवान एक है,स्वरुप अलग-अलग-जीवनसूत्र 24 सी

आज का जीवनसूत्र चार यात्री एक साथ यात्रा पर थे !उनमें एक पर्शियन था ! दूसरा तुर्क , तीसरा अरबी तथा चौथा यूनानी ! उनकी फल खाने की इच्छा हुई…