सत्यावंती (फाइल फोटो)

मरणोंपरात की आंखे दान, परिजनों तथा प्रेरणा देने वाले को किया सम्मानित
बसंतलाल गिरधर चला रहे हैं नेत्रदान के लिए मुहिम
महम, 10 फरवरी

महम जैसे देहाती शहर में भी नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ने लगी है। एक महिला सत्यावंती चराया की आंखों को मरणोपंरात दान किया गया। सत्यावंती के आंखों को एक 12 वर्षीय लड़की को सफलतापूर्वक लगा भी दिया गया है। सत्यावंती ने अपनी आंखों से एक लड़की के जीवन के अंधेरे को दूर दिया है।
शनिवार को महम में हुई सत्यावंती की श्रद्धांजलि सभा में सत्यावंती के परिजनों को इस पुनीत कार्य के लिए भिवानी तथा करनाल की समाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। संस्थाओं ने महम में नेत्रदान के प्रति जागरूकता अभियान चला रहे समाजसेवी नगरपालिका उपप्रधान बसंतलाल गिरधर को भी सम्मानित किया। गिरधर की ओर से भी सत्यावंती के परिजनों रमेश चराया, सोमनाथ चराया, महेंद्र चराया, अमित चराया तथा नरेंद्र को सम्मानित किया गया।
सत्यावंती का निंधन 6 फरवरी की रात रोहतक के निजी हस्पताल में हो गया था। परिजनों ने करनाल की एक संस्था से सत्यावंती की आंखे दान के लिए सूचना दी। 7 जनवरी की जल्दी सुबह तक आंखे दान करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। करनाल से आए चरणजीत बाली तथा भिवानी से आए आत्मप्रकाश, चंद्रप्रकाश तथा मदनलाल पसरीजा ने बताया कि सत्यावंती की आंखों को सफलतापूर्वक एक 12 वर्षीय बालिका को लगा दिया गया।

गिरधर चला रहे हैं जागरूकता अभियान
बसंतलाल गिरधर महम पंजाबी समाज की अधिकतर श्रद्धांजलि सभाओं का संचालन करते हैं। गिरधर ने बताया कि वे लंबे समय से इस सभाओं में नेत्रदान के लिए जागरूकता संबोधन दे रहे हैं। अब तो सभाओं में यथासंभव नेत्रदान के लिए शपथ भी दिलवा रहे हैं। सत्यावंती के परिवार ने भी उनसे प्रेरित होकर नेत्रदान का निर्णय लिया। ध्यान रहे कि गिरधर रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान चलाने वाले तथा रक्तदान शिविरों को आरंभ करने वाले महम के पहले व्यक्ति हैं।
6 घंटे तक निकल जाएं आंखे तो बेहतर-डा. आनंद
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आनंद शर्मा ने कहा है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद 6 घंटे के अंदर उसकी आंखे निकाली जा सकें तो बेहतर होता है। उसके बाद कोरनिया सूखने लगता है। हालांकि आंखों को बंद रखने के बाद उन पर गीली रूई लगा दी जाए और मृत शरीर कम तापमान में रखा हो तो कुछ अतिरिक्त समय तक भी आंखे ठीक मिल सकती है। आंखे निकाले जाने के बाद तीन दिन इन्हें किसी जरूरतमंद को लगाना होता है।

इंदु दहिया/ 8053257789

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