Home जीवनमंत्र ‘बिना कसौटी होत नहिं, कचन की पहचान’-महात्मा कबीर, जीवनसूत्र 24सी

‘बिना कसौटी होत नहिं, कचन की पहचान’-महात्मा कबीर, जीवनसूत्र 24सी

महात्मा कबीर की वाणी

केवल उत्तम वेश धारण करने से कोई व्यक्ति उत्तम नहीं हो जाता है। साधु का बाणा पहनने से कोई साधु नहीं हो जाता। वेश तो बस आवरण है।

आवरण ही हकीकत की पहचान नहीं होती। व्यक्ति को परखने के लिए उसे ज्ञान की कसौटी पर कसकर अवश्य देखना चाहिए।
महात्मा कबीर जी ने कहा है
भेष देख मत भूलये, बुझि लीजिये ज्ञान।
बिना कसौटी होत नहिं, कचन की पहचान।।

अर्थात वेश देख कर ही किसी को साधु या अच्छा व्यक्ति ना मान लें। उसके ज्ञान को अवश्य परख लें। कसौटी पर कसे बिना कंचन की पहचान नहीं होती।

1 COMMENT

  1. ऐसे गंदे लोगो की सामाजिक तोर पर निदा होनी चाहिए ये समाज पर कलंक होते है सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ये राक्षस होते है

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