Home जीवनमंत्र चाबी खो जाने की चिंता नहीं, फोन से खुलेगा दरवाजा

चाबी खो जाने की चिंता नहीं, फोन से खुलेगा दरवाजा

गुजवि के सहायक प्रो. तथा उनकी टीम को मिला आस्ट्रेलियन पेटंट

आने जाने वालों का पूरा रहेगा हिसाब
स्मार्ट लॉक सिक्योरिटी सिस्टम की की गई है खोज

24सी न्यूज
आपके घर की चाबी खो जाए या फिर बच्चे अंदर से दरवाजा बंद करके खोल ना पाएं तो चिंता ना करें। दरवाजा बंद करना भूल जाए तो भी कोई बात नहीं। आपके घर आने जाने वालों को पूरा रहेगा हिसाब। वह भी आपके मोबाइल फोन में ही। जीं हां ऐसा होने वाला है।
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के इलैक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन विभाग के सहायक प्रो. सरदूल सिंह को ‘स्मार्ट डोर लॉक सक्योरिटी सिस्टम’ में आस्ट्रेलियन पेटंट मिला है। उनके साथ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रो. राकेश धर, दीनबंधू चौ. छोटू राम विश्वविद्यालय विज्ञान एवं तकनीक के सहायक प्रो. डा. सुरेंद्र दुहन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नागालैंड के डा. कमलकांत कश्यप तथा शोधार्थी सत्यदेव, प्रदीप व अतुल भी इस सिस्टम के शोध में शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा ने डा. सरदूल सिंह तथा पूरी टीम को बधाई दी है।
ये हैं स्मार्ट डोर लॉक सक्योरिटी सिस्टम
डा. सरदूल सिंह ने बताया कि यह एक खास सिस्टम है। इस सिस्टम के तहत आप अपने फोन से ही कहीं से भी अपने दरवाजों को खोल या बंद कर सकते हैं। सीसीटीवी कैमरे की भी अलग से कोई जरुरत नहीं होगी। इस सिस्टम में ही कैमरे स्थापित होंगे। इस सिस्टम को कलाऊड नेटवर्किंग से जोड़ा गया है। घर में आने वाले या आने का प्रयास करने वाले व्यक्ति की पूरी रिकाडिंग रखी जा सकेगी। यदि कोई बाहरी व्यक्ति घर के अंदर आता है या आने का प्रयास करता है तो उसके फिंगर प्रिंट का रिकार्ड भी रहेगा। साथ ही उस व्यक्ति की तस्वीर भी रिकार्ड हो जाएगी।
ये होंगे फायदे
डा. सरदूल सिंह ने बताया कि कई बार छोटे बच्चे अंदर से दरवाजा बंद कर लेते हैं। वे दरवाजा खोल नहीं सकते। इस सिस्टम के स्थापित होने के बाद फोन से दरवाजे को बाहर से ही खोला जा सकेगा। यदि गलती से घर का दरवाजा बंद करना भूल जाते हैं तो आप याद आने पर अपने मोबाइल से कहीं से भी अपना दरवाजा बंद कर सकते हैं। इस सिस्टम को स्थापित करने के लिए किसी विशेष मोबाइल की जरुरत भी नहीं होगी। किसी भी एन्डरोयड मोबाइल फोन का इसके लिए प्रयोग किया जा सकेगा।
ऐसे आया था आइडिया
सरदूल सिंह ने बताया कि एक बार उनके बच्चों ने अंदर से घर का दरवाजा बंद कर लिया था। बच्चे छोटे थे कुर्सी पर चढक़र दरवाजा बंद तो कर लिया था, लेकिन कुर्सी के अचानक टूट जाने के बाद बच्चे दरवाजा खोल नहीं पाए थे। लगभग ढ़ाई घंटे बाद आखिर दरवाजा तोडऩा पड़ा था। तभी से यह आइडिया उनके दिमाग में आया था कि वे कोई ऐसा सिस्टम स्थापित करेंगे कि इस प्रकार की समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

महम में 262 लोगों की आंखों की जांच हुई, 40 ने किया नेत्रदान

सेठ माईदयाल हवेली लगाया गया निशुल्क जांच शिविर आखों की जांच से बिमारियों का पता भी लगाया जाएगामहमसेठ माईदयाल...

बाबा मस्तनाथ मंदिर फरमाना में भक्ति गीतों पर झूमी महिलाएं

बहुअकबरपुर से आई महिलाओं का भक्ति दल विशेष आकर्षण का केंद्र रहा महमबाबा मस्तनाथ मंदिर फरमाना में शनिवार को...

डाक्टर शारदा का निधन,पंजाब का पुत हरियाणा का बेटा बनकर रहा ताउम्र

1966 में महम आए और यहीं के होकर रह गए महम, 16 अगस्त एक समय महम के प्रतिष्ठित डाक्टर...

महम के संकट मोचन हनुमान मंदिर में चोरी, दोनों दानपात्र तोड़े

मंदिर समिति के प्रधान ने कराया मामला दर्ज महम, 8 अगस्त चोरों ने महम के वार्ड छह में...

Recent Comments

error: Content is protected !!