पवित्र डोरा गूंथते महन्त सतीश दास

महंत सतीश दास अपने हाथों से बनाते है डोरा

हर रोज बटते हैं सैंकडों डोरे
महम, 30 दिसम्बर

महम चौबीसी ही नहीं बल्कि देश विदेश तक फैले महम के गांव सैमाण मन्दिर के श्रद्धालु अपनी कलाई या बाजू पर मंदिर के महंत सतीश दास के हाथों से मिला पवित्र डोरा बांधना सौभाग्य समझते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यह डोरा बांधने से न केवल उनकों ऊर्जा मिलती है बल्कि बीमारियों से भी दूर रहते हैं। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा भी उनके नजदीक नहीं आती। खास बात यह है कि जिस धागे से यह डोरा बनाया जाता है वह धागा आसपास से नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल से आता है। खत्म होने पर इस धागे का बंडल ट्रांसपोर्ट के माध्यम से मंगवाया जाता है।
पहले हिसार से आता था धागा
महन्त सतीश दास ने बताया कि पहले डोरे के लिए धागा हिसार के एक धागा मिल से आता था। लेकिन यह केवल बारीक सूती धागा होता था। ऐसे रोल करके डोरा बनाने के तैयार किया जाता था। बाद में इससे डोरा गूंथा जाता। इस प्रक्रिया से पूरा दिन में 100 से ज्यादा डोरे तैयार नहीं हो पाते थे। जबकि यहां इनकी मांग ज्यादा है। परम्परा ये भी है कि ये डोरा गद्दीनशीन महात्मा अपने हाथ से ही बनाते हैं। ऐसे महात्मा का अधिकतर समय डोरा बनाने में ही निकल जाता था।
ऐसे मिला आइडिया
महन्त सतीश दास ने बताया कि वे एक अपने किसी श्रद्धालु के बुलावे पर कलकत्ता गए हुए थे। यहाँ उन्होंने यह रोल किया हुआ धागा देखा। तभी से यह धागा वे मन्दिर के लिए मंगाने लगे। अब इस धागे से वे दिनभर में 300 से 350 डोरे बना देते हैं। बहुत से डोरे तो उसी दिन लग जाते हैं। बचे हुए डोरे विशेष दिनों पर काम आते हैंए जब मन्दिर में श्रद्धालु ज्यादा आते हैं। फाल्गुन की द्वादशी के दिन तो एक ही दिन में 10 हज़ार के आसपास श्रद्धालु मन्दिर आते हैं। यह डोरा श्रद्धालुओं को निःशुल्क दिया जाता है।
कनाडा भेजा गया डोरा
एक श्रद्धालु दम्पति तो कनाडा में पढ़ाई कर रहे अपने बेटे के लिए डोरा बनवाने आए। उनका कहना था कि उनके बेटे ने विशेष रूप से इस डोरे की मांग की है। हालांकि अधिकतर डोरे सफेद सूती धागे से ही बनाए जाते हैंए लेकिन कुछ श्रद्धालु अपने साथ काला धागा भी ले आते हैं। इस धागे का डोरा बनाकर भी महंत जी देते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इंसानों को नहींए यदि उनका पशु बीमार हो जाता है या दूध नहीं देता तब भी वे डोरा बांध देते हैं। इंदु दहिया/ 8053257789

24c न्यूज की खबरें ऐप पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें 24c न्यूज ऐप नीचे दिए लिंक से

Link: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.haryana.cnews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *