निंदाना के केसीएम सीसे पब्लिक स्कूल की छात्रा है काजल
पिता एक साधरण किसान और माता गृहणी हैं
तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है काजल
गांव के साथ-साथ पूरे महम चौबीसी में खुशी की लहर
इंदु दहिया
महम चौबीसी का गांव निंदाना प्रदेश के सीएम मनोहर लाल की जन्मस्थली है। जिला रोहतक का यह गांव पिछले कुछ महीनों से चर्चित रहा है। बगल से निकलने वाले एक्सप्रैस हाईवे के लिए तथा चकबंदी में कथित गड़बड़ियों को लेकर किसानों के धरने के लिए। इसके अतिरिक्त पिछले कुछ सालों से इस गांव में लगातार फैलते गैंगवार को लेकर भी गांव चिंतित है।
ऐसे हालातों में गांव, महम चौबीसी और पूरे जिले के लिए एक अत्यंत खुशी की खबर आई है। निंदाना की बेटी ’काजल’ ने 12वीं कक्षा की परीक्षा में प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। काजल कला संकाय की विद्यार्थी है। काजल की इस उपलब्धि से गांव गौरवान्वित हुआ है। खास बात है कि काजल ने यह परीक्षा विपरित परिस्थितियों में दी है।
7वीं पास पिता हैं किसान
काजल नेहरा के पिता रावत नेहरा केवल सातवीं पास हैं। उनकी माता गुड्डी देवी भी बस आठवीं पास ही है। रावत के पास केवल पांच एकड़ कृषि भूमि है। कृषि से ही वे अपने परिवार का पेट पालते हैं। काजल रावत की तीन संतानों में बड़ी बेटी है। दूसरी बेटी पूनम अब 12वीं कक्षा में हुई है। छोटा बेटा है जो दसवीं कक्षा में है। रावत का कहना है कि ये सब काजल की मेहनत और उसके अध्यापकों के मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया। उनका केवल इतना योगदान है कि वे काजल को पढ़ने के लिए पूरा वक्त देते थे। हालांकि इसके बावजूद काजल घर के कामों में हाथ बटवा देती थी।
दसवीं कक्षा में स्कूल में द्वितीय और 12वीं कक्षा में प्रदेश में प्रथम
काजल केसीएम पब्लिक स्कूल निंदाना की छात्रा है। काजल के प्राचार्य महेंद्र शर्मा ने बताया कि काजल उनके स्कूल में चौथी कक्षा में आई थी। तब से उनकी ही छात्रा है। उनके स्कूल में 12वीं कक्षा तक केवल कला संकाय ही है। ऐसे में काजल ने 12वीं में कला संकाय में दाखिला लिया।
काजल ने दसवीं कक्षा में स्कूल में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। तब उन्हें लगा कि बेशक ये छात्रा स्कूल में दूसरे स्थान पर आई है, लेकिन इसमें खास प्रतिभा है। इसे जो काम दिया जाता है उसे वह तुरंत पूरा करती है। तभी उन्होंने छात्रा पर अतिरिक्त मेहनत करना आरंभ कर दी। परिणाम सबके सामने है काजल आज प्रदेश में टॉपर है। महेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके स्कूल का नियम है कि वे विद्यार्थियांे को अतिरिक्त समय भी निःशुल्क शिक्षा देते हैं।

आर्मी या पुलिस में अधिकारी बनना चाहती है काजल
काजल का सपना है कि वो सेना या पुलिस में अधिकारी बने। इसके लिए वे शीघ्र ही तैयारी आरंभ करने वाली हैं। काजल अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा अध्यापकों को देती हैं। उनका कहना है कि उन्हें अतिरिक्त समय में भी विशेष तैयारी करवाई गई। जिसके चलते वह यह मुकाम हासिल कर पाई। काजल का कहना है कि उसने प्रतिदिन कई-कई घंटे पढ़ाई की है। कभी कभी रात को दो-तीन तक बज जाते थे।
परीक्षा के नजदीक 20 दिन तक स्कूल नहीं जा पाई थी काजल
जब विपरित हालातों में सफलता मिलती है तो उसका आनंद और अधिक हो जाता है। काजल के पिता रावत ने बताया कि 12वीं कक्षा की मुख्य परीक्षा के दिनों में काजल के हाथ का अंगूठा पक गया था। उसे बहुत अधिक दर्द हो रहा था। वह 20 दिनों तक तो स्कूल ही नहीं जा पाई थी। उन्हें लगा था कि काजल को शायद बहुत ज्यादा अंक ना आएं, लेकिन दर्द की परवाह किए बिना वह पढ़ती रही और सफलता हासिल की।

गांव फरमाणा में करेंगे सम्मानित
बेटियों की शिक्षा और खेलों के लिए कार्य करने वाले गांव फरमाणा के समाजसेवी महाबीर सहारण ने काजल को गांव फरमाणा में बुलाकर सम्मानित करने की घोषणा की है। महाबीर का कहना है कि काजल की उपलब्धि से पूरी महम चौबीसी गौरवान्वित हुई है। फरमाणा और निंदाना गांव में तो भाईचारा भी है। उन्होंने कहा कि बेटियों को मौके दिए जाएं तो हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकती हैं।
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