महम के प्रतिष्ठित व्यापारियों में से एक था विपुल सिंगला
लोगों का मानना कर्ज ज्यादा होने के कारण फरार हो गया व्यापारी
महम, 29 नवंबर
महम का एक प्रतिष्ठित व्यापारी गायब हो गया है। सुबह से उसके व्यापारिक प्रतिष्ठान पर ताला लटका है। व्यापारी महम से परिवार सहित गायब है। उसके फोन भी बंद हैं। चर्चा ये है कि व्यापारी महम से फरार हो गया है। भारी कर्ज उसके फरार होने का मुख्य कारण माना जा रहा है।
गायब होने वाले व्यापारी का नाम विपुल सिंगला है। विपुल सिंगला महम-भिवानी सड़क मार्ग पर स्थित बांके बिहारी ऑयल मिल का मालिक है। आज सुबह से ही उसके मिल पर ताला लटका मिला। यह जानकारी महम में आग की तरह फैली। बहुत से ऐसे किसान व व्यापारी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने विपुल को पैसे या सामान दे रखा था।
कई दिन से हो रही थी तैयारी
लोगों का मानना है कि व्यापारी का यहां से जाना अचानक नहीं हुआ। इसकी कई दिनों से योजना बन रही लगती है। लोगों का अनुमान हैं कि व्यापारी की ओर केवल किसानों की ही करोड़ों रूपए की देनदारी है। इसके अतिरिक्त व्यापारियों की देनदारी भी हो सकती है। यह भी जानकारी मिली है कि व्यापारी ने बैंक से ताजा लोन भी लिया है। इस लोन का पैसा अपने खाते में ट्रांसफर करवा कर निकलवा लिया गया।
एक समय सिक्का चलता था इस ब्रांड का
विपुल सिंगला के पिता निरजंन सिंगला का लगभग दो साल पहले देहांत हो गया था। निंरजन सिंगला महम के अति प्रतिष्ठित व्यापारियों में से एक थे। निरंजन महम मार्केट कमेटी के उपप्रधान भी रहे हैं। कई समाजिक संस्थाओं के सदस्य भी रहे थे। महम में उन्हें अति रसूखदार व्यक्ति माना जाता था।
विपुल सिंगला भी इसी प्रकार प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहे थे। एक सामाजिक संस्था के माध्यम् से सामाजिक कार्य भी करते थे। इस दीपावली पर भी उन्होंने अपने जानकारों के पास मिठाइयां भेजी हैं। कई रक्तदान शिविर भी लगा चुके थे। किसी को यह कानों-कान खबर नहीं हुई कि उनके दिमाग में ऐसा भी कुछ चल रहा है। लगातार कर्ज का बोझ विपुल झेल नहीं पाए।
पुलिस के पास आने लगी शिकायतें
जानकारी मिली है कि कुछ लोंगों ने महम पुलिस को भी इस संबंध में दरखास्त दी हैं। इनका कहना है कि विपुल सिंगला की ओर उनका पैसा बकाया था। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। किसान अपनी फसल व्यापारियों को दे देते हैं। कई बार पैसे भी व्यापारी के पास ही छोड़ देते हैं। व्यापारी किसानों को उनके पैसे पर निर्धारित ब्याज देता है। इसके अतिरिक्त कई बार किसान अपनी फसल को घर रखने की बजाय व्यापारी के पास ही छोड़ देते हैं। जब भी भाव तेज आता है किसान व्यापारी से फसल का भाव लगवा लेते हैं। इसी प्रकार किसानों का पैसा व्यापारियों के पास जमा हो जाता है।
बलंभा वाला मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ था
कुछ महीनें पहले ही महम चौबीसी के गांव बलंभा से एक व्यापारी फरार हो गया था। इस व्यापारी की ओर भी करोड़ों की देनदारी बताई जा रही थी। इस व्यापारी के सामान की खुली बोली भी हुई थी। इंदु दहिया/ 8053257789
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