राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रहे मुख्यातिथि
पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी के पुत्र बलराम दांगी रहे मुख्य भूमिका में
बलराम दांगी ने इस सम्मलेन के लिए चलाया था जनसंपर्क अभियान
पंचायती चुनावों की रणनीति का हिस्सा भी देखा जा रहा है इस सम्मेलन को
इंदु दहिया
पांच राज्यों में कांग्रेस की हुई बुरी हार के बाद देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हरियाणा के कांग्रेस कार्यकर्ता भी निराश हैं। महम विधानसभा जिला रोहतक की एकमात्र विधानसभा सीट थी, जहां कांग्रेस प्रत्याशी और कद्दवार नेता आनंद सिंह दांगी निर्दलीय बलराज कुन्डू से चुनाव हार गए थे। लंबे समय से महम में इस बात की चर्चा थी कि वर्तमान समय में महम में कांग्रेस की स्थिति क्या है?
पांच राज्यों की चुनावों हार के परिणामों के मात्र एक दिन के अंतराल के बाद 12 मार्च को यहां होली मिलन समारोह के बहाने मदीना में दांगी फार्म हाउस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मिलन हुआ। भीड़ की दृष्टि से यह सम्मेलन उत्साहवधर्क था। खास बात यह थी कि इस सम्मेलन में आनंद सिंह दांगी केंद्रीय भूमिका में नहीं थे। इस आयोजन में उनके पुत्र बलराम दांगी की अग्रणी भूमिका थी। इस आयोजन के मुख्यातिथि राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा थे। हालांकि दीपेंद्र हुड्डा की तरफ से भी इस सम्मेलन के लिए कार्यकर्ताओं को संदेश प्राप्त हुए हैं, लेकिन मुख्य जनसंपर्क अभियान बलराम दांगी ने ही चलाया था।
सम्मेलन ने साफ कर दिया कि आनंद सिंह दांगी अपनी राजनीतिक विरासत अपने पुत्र को सौंपने की तैयारी में हैं। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि आनंद सिंह दांगी आगामी विधानसभा चुनाव स्वयं लडेंगे या अपने पुत्र को लड़वाएंगे। यह 2024 के विधानसभा चुनावों की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
सम्मेलन की सफलता से सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी खुश नजर आए। उन्होंने इसके लिए बलराम दांगी को शुभकामनाएं व धन्यवाद भी दिया। इस सम्मेलन में दीपेंद्र हुड्डा ने पुरे जोश के साथ वर्तमान सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान भी किया। आनंद सिंह दांगी भी अपने चिरपरिचित अंदाज में सरकार पर बरसे।

पुराने कार्यकर्ताओं के साथ नए भी दिखाई दिए
इस सम्मेलन ने साफ कर दिया कि महम विधानसभा के कांग्रेस के मूल कार्यकर्ताओं में भी ज्यादा संख्या में अभी पार्टी के साथ खड़े हैं। पुराने कार्यकर्ताओं के साथ कई नए लोग भी दिखाई दिए। हलांकि महम शहर से कार्यकर्ताओं की संख्या अपेक्षा से कम ही थी, लेकिन ग्रामीण इलाकों से आए कार्यकर्ताओं ने यह कमी पूरी कर रखी थी।
पंचायती चुनावों की रणनीति के लिए अह्म रहा सम्मेलन
इस सम्मेलन का उद्देष्य निकट भविष्य में संभावित पंचायत चुनाव की रणनीति भी रहा होगा। ग्रामीणों क्षेत्रों में अभी भी कांग्रेस की पंचायती चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। विशेषकर रोहतक क्षेत्र में यह भूमिका और अधिक मायने रखती है। इसी तथ्य के चलते कई ऐसे व्यक्ति इस सम्मेलन में दिखाई दिए जो अपनी ग्राम पंचायतों में सरपंच का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
यह सम्मेलन कांग्रेस में कितनी जान फूंक पाएंगा यह तो समय ही बताएगा। लेकिन यह साफ है कि इस सम्मेलन की सफलता से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के चेहरे की रौनक अवश्य लौटी है। (विश्लेषण)/8053257789
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