रुचि के अनुसार व्यवसाय चुनना चाहिए

एक बहुत ख्याति प्राप्त प्रोफैसर डाक्टरथे। सर्जरी के ऐसे डाक्टर कि देश दुनिया में उनका नाम था। उनके शिष्य भी बड़े डाक्टर हो गए थे।

जब वो वृद्ध हो गए तो उनके शिष्यों ने उनके सम्मान में एक बहुत बड़ी पार्टी का आयोजन किया। उनके अधिकतर शिष्य पार्टी में आए। बहुत अच्छा इंतजाम किया गया। सब नाचने-गाने लगे। सब बहुत खुश थे। लेकिन प्रोफैसर डाक्टर स्वयं बहुत उदास था।
उनके शिष्यों ने उनसे पूछा कि क्या बात है। आप इतने उदास क्यूं हैं। आपको तो आज खुश होना चाहिए था। आप दुनिया के जाने-माने डाक्टर हैं। आपके शिष्य कामयाब हैं। बात क्या है।
उस डाक्टर ने कहा कि मैं डाक्टर नहीं बनना चाहता था। मैं नृतक बनना चाहता था। मुझे जबरदस्ती मेरे परिजनों ने डाक्टर की पढ़ाई में डाल दिया। मैं एक कामयाब डाक्टर तो बन गया, लेकिन जीवन भर खुश नहीं रह पाया। जब कोई नृत्य देखता हूं तो मेरे भीतर का नृतक भी नाचने लगता है। मैं खुद से बात करने लगता हूं। सोचता हूं काश, मैं नृतक होता।

व्यक्ति को अपनी रुचि के अनुसार व्यवसाय चुनना चाहिए, अन्यथा जीवन भर खुशी नहीं मिलती।

आपका दिन शुभ हो!!!!!

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One thought on “नृतक बनना चाहता था प्रोफैसर-एक प्रेरक प्रसंग, जीवनमंत्र 24 सी”

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