मिताहार (भोजन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कुंजी)

(मित+ आहार ; अर्थात, कम खाना), भोजन की मात्रा से सम्बन्धित योग की एक संकल्पना है। मिताहार के अनुसार यदि भोजन के बाद शरीर में भारीपन न आए, मन प्रसन्न रहे। यदि ऎसा होता है तो मानना चाहिए कि भोजन परिमित हुआ है। यदि भोजन के बाद आलस्य आएए सारी शक्तियां कुंठित हो जाएं, तो मानना चाहिए कि भोजन परिमित नहीं हुआ है। इसके आधार पर प्रत्येक व्यक्ति यह जान सकता है कि मैं परिमित खा रहा हूं या अपरिमित ।
*भोजन के समय(शांति से भोजन करने का हमारा प्राचीन ज्ञान)

जब भी आप भोजन करने बैठते है तब शान्ति से भोजन करें।
*खाने की आदत की होती है महत्वपूर्ण भूमिका

*भोजन करते समय कोई गैजेट नहीं। कोई फोन नहीं, टीवी नहीं, समाचार पत्र नहीं।

*भोजन करते समय थाली में क्या है इस पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि सही तरीके से खाने से भोजन ठीक से पचता है।

खाने पर ध्यान देने से कई तरह से मदद मिल सकती है क्योंकि हम सही ढंग से खाने की अच्छी आदत विकसित करना शुरू करते हैं, भोजन को अच्छी तरह चबाते हैं और स्वाद की भी सराहना करते हैं।
हमारे खाने की आदतें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वे पाचन की प्रक्रिया को बढ़ावा देने और अधिकतम पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद कर सकती हैं।

इसलिए भोजन करते समय अपना सारा ध्यान भोजन पर केन्द्रित करें।

डॉ अनु लूथरा
रामगोपाल सामान्य एवं जनाना हस्पताल
महम

डॉ अनु लूथरा

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इंदु
दहिया

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