नशे की गिरफ्त आती जा रही है युवा पीढ़ी
लगातार हो रही हैं युवाओं की मौतें
महम
हरियाणा भी धीरे-धीरे उड़ता प्रदेश बनता जा रहा है। नशे का कारोबार दिनों-दिन भयंकर रूप से फैलता जा रहा है। हालात यह हो गई है कि महम जैसे छोटे शहर में भी बीते कुछ दिनों में ही आधा दर्जन से अधिक युवाओं की मौत हो चुकी है। कई और युवा मौत की दहलीज पर पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद ना ही समाज, ना ही प्रशासन और ना ही राजनेता इस ओर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि गुरुवार को पुलिस ने इस दिशा मंे खास अभियान चलाया है। जानकारी मिली है कि कई जगह छापेमारी की गई है। दरअसल बुधवार को एक युवक की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। इस युवक को भी नशे की लत बताई जा रही थी।
नागरिकों का कहना है कि पुलिस प्रशासन का अभियान भी बस कुछ सम्मेलनों तथा यदा-कदा किसी छोटे-मोटे तस्करों को पकड़ने तक ही सीमित रह जाता है। खास बात यह है कि नशे से मरने वाले अधिकतर युवा गरीब परिवार से संबंधित हैं। पिछले दिनों में वार्ड दस तथा आसपास से ही नशे की अधिकता के कारण ही कम से कम चार युवकांे की मौत हो चुकी है।
सामाजिक कार्यकर्ता राकेश भारद्वाज का कहना है कि आम आदमी भी जानता है कि नशा कहां-कहां बिक रहा है। यह संभव नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी ना हो। आम आदमी केवल इसलिए नहीं बोलता कि नशा तस्कर कहीं उन्हें शारीरिक क्षति ना पहुंचा दें। राकेश का कहना है कि महम में लगभग आधा दर्जन स्थानांे पर नशे का कारोबार हो रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता वेदप्रकाश धवन ने एडीजीपी ममता सिंह की उपस्थिति में महम में हुए पुलिस पब्लिक सम्मलेन में बताया था कि देर शाम महम की पार्कें नशेड़ियों का अड्डा बन जाती हैं। मोटरसाइकिलों पर तेजी से युवक आते हैं। पार्कों में पहले से इंतजार कर रहे युवकांे को कुछ देकर भाग जाते हैं। ये नशा सप्लायर ही होते हैं। हालांकि वेदप्रकाश धवन का फिलहाल कहना है कि पुलिस पार्कों में गश्त बढ़ा दी है। ये गश्त जारी रखी जानी चाहिए।
वार्ड दस के सामाजिक कार्यकर्ता रोशन फौजी ने भी पुलिस पब्लिक सम्मेलन में नशे के कारोबार की पोल खोली थी। रोशन ने कहा कि वो वार्ड दस से ही हैं। वे अपने सामने वार्ड के मरते युवाओं को देख रहे हैं। कई युवा भयंकर नशे के जाल में हैं। उन्होंने नशे के खिलाफ अभियान चलाया था। पुलिस से सहयोग नहीं मिला। उल्टा उन्हीं पर मामले दर्ज करने की धमकियां मिलने लगी। रोशन का भी यह कहना है कि नशा तस्करों के खिलाफ यदि पुलिस ईमानदारी से अभियान चलाए तो नशा रोका जा सकता है।
महम के वार्ड दस महम के मूल निवासी एवं गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय हिसार के मनोविज्ञान विभाग के प्रो. राकेश बहमनी का कहना है कि युवाओं का नशे की तरफ अग्रसर होने का बड़ा कारण उन्हें उनके माफिक माहौल नहीं मिलना है। गरीबी और बेरोजगारी इसका एक बड़ा कारण है। प्रशासन तथा पुलिस को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने होंगे। नशेड़ियों से नफरत करने की बजाय उनका इलाज करवाने की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
एएसपी हेमेंद्र मीणा कर रहे हैं गंभीर प्रयास
रोशन फौजी ने बताया कि एएसपी हेमेंद्र मीणा नशा मुक्ति की दिशा गंभीर प्रयास करते दिख रहे हैं। रोशन का कहना है कि गुरुवार को उनकी एएसपी के साथ मुलाकात हुई थी। एएसपी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अब इस दिशा सख्त कदम उठाए जाएंगे। इंदु दहिया/ 8053257789
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