गर्भवती महिलाओं में आने वाले बदलावों पर रखें नजर

समय पर लगवाएं टीकें, भ्रांतियों से बचें
महम

गर्भवती काल महिला के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण काल होता है। इस काल के दौरान महिला की देखभाल न केवल महिला के बल्कि उसके होने वाले बच्चे के जीवनभर के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। गर्भवती काल में महिला की देखभाल कैसे करें? क्या सावधानियां रखें? इस संबंध में जानकारी दी रही हैं भगतजी हस्तपाल एव प्रसव केंद्र की डाक्टर पूनम गोयत।
डा. पूनम गोयत का कहना है कि गर्भवती महिला की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। डाक्टर केे सुझाए अनुसार समय पर अल्ट्रासाऊंड करवाना चाहिए। उन्होंनेे कहा कि अल्ट्रासाऊंड से बच्चे या जच्चा को कोई नुकसान नहीं होता है।
टीकों को लेकर हैं भ्रांतियां
डा. पूनम ने कहा कि वे हैरान है कि गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीकों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी भ्रांतियां है। इन्हें दूर करना चाहिए। गर्भवती महिला का हर टीका समय पर अवश्य लगवाना चाहिए। टीके अत्यंत आवश्यक हैं। टीकाकरण के बारे में आशावर्कर समय-समय पर जानकारी देती हैं।
सूजन को नजरांदाज ना करें
डा. पूनम का कहना है कि 7वें महीनें के बाद कई बार महिलाओं के पैरों मे सूजन देखी जाती है। आमतौर पर इसे सामान्य मान लिया जाता है। जबकि इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। महिला में खून की कमी हो सकती है। या कोई संक्रमण हो सकता है। जो आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकता है। इस संबंध में तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।
खानपान का रखे ध्यान
डा. पूनम का कहना है कि गर्भवती महिला के खानपान का पूरा ध्यान रखना चाहिए। महिला भूखी ना रहे। मौसमी फलों का सेवन करें। तथा आयरन आदि की गोलियां लेती रहें।24c न्यूज/ इंदु दहिया/ 8053257789
(जैसा डा. पूनम गोयत ने बताया)

डा. पूनम गोयत

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