महात्मा बुद्ध से जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग
एक बार महात्मा बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ उपदेश यात्रा पर थे।
अचानक एक आदमी आया और उसने महात्मा बुद्ध पर थूक दिया। बुद्ध मुस्कुराए और उसे व्यक्ति से कहा कि जो तुम कहना चाहते हो, मै समझ गया। कुछ और भी कहना है।
उनके साथ चल रहा उनका शिष्य आनंद क्रोधित हो गया। महात्मा बुद्ध ने आनंद ही ओर देखा और शांत रहने को कहा।
आनंद ने पूछा भगवान आप ये सब कैसे सहन कर लेते हो। इस व्यक्ति ने आप पर थूका है।
महात्मा बुद्ध ने कहा, क्रोध में व्यक्ति का विवेक समाप्त हो जाता है और अति क्रोध होने पर उसके पास अभिव्यक्ति के लिए शब्द भी नहीं रहते। वो थूकने और मारने जैसी हरकतें करता है। विवेक हीन व्यक्ति पर क्रोध कैसा, लेकिन तुम तो विवेकशील हो, तुमने उस व्यक्ति पर क्रोध क्यों किया। इसलिए मुझे क्रोध उस व्यक्ति पर नहीं आप पर आ रहा है।
महात्मा बुद्ध के शिष्य आनंद को जीवन का एक बड़ा सूत्र समझ आ गया।
ओशो प्रवचन
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