महाबीर फरमाणा ने कहा उनके जीवन का सबसे श्रेष्ठ कार्य
महम
गांव फरमाणा के 900 से अधिक ग्रामीणों ने सावन की पूर्णिमा के पवित्र पर्व पर हरिद्वार में मां गंगा स्नान किया। ग्रामीणों के गंगा स्नान की संपूर्ण व्यवस्था समाजसेवी महाबीर फरमाणा ने निःशुल्क की थी। महाबीर फरमाणा ने कहा कि इस कार्य को वे अपने जीवन का सबसे श्रेष्ठ कार्य मानते हैं।
महाबीर ने ग्रामीणों के गंगा स्नान के लिए 15 बसों की व्यस्था की थी। खाने-पीने व ठहरने आदि की सभी सुविधाएं भी निःशुल्क मुहैया करवाई गई थी। महाबीर ने कहा कि बुजुर्गों की इच्छा होती है कि वे पवित्र दिन को पवित्र स्थल की यात्रा करें। कई बुजुर्गों ने इसके लिए उनसे इच्छा व्यक्त की थी।
वे किसी पवित्र समय व दिन का इंतजार कर रहे थे। सावन की पूर्णिमा हिंदु धर्म में विशेष महत्व रखती है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के चेहरे पर जो खुशी थी उसे देखकर उन्हें अतिरिक्त हौंसला मिला है। उन्होंने कहा कि चाहते हैं कि हमारी नई्र पीढ़ी भी हमारे पवित्र त्यौहारों व स्थलों से जुड़ें। ऐसे में वे भविष्य में भी इस प्रकार की यात्राओं का आयोजन करेंगे।
गुरुवार की देरशाम यात्रियों का दल गांव से रवाना हुआ था। पूर्णिमा की शीतल चांदनी में मां गंगा के दर्शन करके ग्रामीणों ने पुण्य कमाया तथा उन्हें आषिर्वाद दिया। यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया। रास्तें में ठहरने व विश्राम की भी व्यवस्था की गई। यात्रियों ने रास्ते भर धार्मिक गीत व भजन गाए। गांव फरमाणा के अपनी तरह की यह पहली धार्मिक यात्रा थी। (विज्ञप्ति) इंदु दहिया/ 8053257789
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