महम में राजनीतिक समीकरण और परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं। पिछले लगभग दो साल से महम की राजनीति में सक्रिय भाजपा नेता शमशेर खरकड़ा की पत्नी राधा अहलावत को टिकट नहीं मिला। उनके स्थान पर भाजपा में नए आए अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दीपक हुड्डा को भाजपा ने टिकट दे दिया। पिछले तीन दिन से लगभग साफ हो गया था कि राधा को टिकट नहीं मिल रहा हैं।
शमशेर खरकड़ा के समर्थकों ने पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया है। जिनमें महम नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष फतेह सिंह, बहुअकबरपुर, महम, तथा लाखनमाजरा के मंडल अध्यक्ष हरेंद्र मोखरा, रोहताश तथा नवीन उप्पल व चेयरमैन नवनीत राठी सहित कई प्रमुख पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। खरकड़ा के बारे में भी खबर पार्टी छोड़ने की आ गई थी, लेकिन गुरूवार को एक प्रेसवार्ता करके उन्हें कहा कि अभी उन्होंने यह निर्णय नहीं लिया है। उनका अंतिम निर्णय सात सितंबर को उनके गांव में बाबा श्योतनाथ मंदिर परिसर में लिया जाएगा। इस दिन सुबह 11 बजे उन्होंने यहां अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है।
’राधा का वादा’ अभियान चलाकर महिला पंचायतों के माध्यम से राधा अहलावत महम की विधानसभा जंग को रोचक बनाने का लगातार प्रयास कर रही थी। अचानक बाजी उनके हाथ से निकल गई। हालांकि भाजपा के अन्य प्रमुख दावेदारों में सैमाण मंदिर के महंत सतीश दास भी थे। महंत सतीश दास भी फिलहाल चुप हैं।
जो खास चर्चा है वह शमशेर खरकड़ा की है। खरकड़ा पिछले लगभग 40 सालों से राजनीति में सक्रिय हैं। गांव के सरपंच से उन्होंने राजनीति शुरू की। चौ. चरण सिंह, चौ, देवीलाल, चौ, औमप्रकाश चौटाला, चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अब पिछले दस सालों से भाजपा के सक्रिय थे। 2009 में विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लगभग जीतने की कगार तक पहुंच गए थे। उसके बाद 2014 और 2019 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में वे लगातार चुनाव हार गए। इस बीच रोहतक से एक संसदीय चुनाव भी हार चुके हैं।
हार के इस सिलसिले को तोड़ने के लिए उन्होंने इस बार अपनी पत्नी को मैदान में उतारा था। राधा अहलावत हैंडबॉल की एक प्रसिद्ध खिलाड़ी और अंतर्राष्ट्रीय कोच रही हैं।
अबकी बार फिर उनकी किस्मत धोखा दे गई।
अब सवाल उठता है कि शमशेर खरकड़ा का भाजपा का टिकट ना मिलने का महम के राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर होगा?
इस सवाल के जवाब से पहले या विचार करना जरूरी है कि शमशेर के सामने अब विकल्प क्या हैं?
खरकड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विकल्पों के पत्ते नहीं खोले। हालांकि कहा कि सभी विकल्प खुले हैं।
- खरकड़ा लंबे समय से राजनीति में हैं और लगातार चुनाव हार रहे हैं। इनके कार्यकर्ता भी थक चुके हैं। परिवार भी शायद ही अब ज्यादा लड़ने की स्थिति में हो। ऐसे में वे सात सितंबर को अपने कार्यकर्ताओं से माफी मांग कर गुरूग्राम जा सकते हैं, जहां वे लंबे समय से रह रहे हैं।
- खरकड़ा बेशक चुनाव हार रहे थे, लेकिन राधा अहलावत ने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। इस चुनाव के अभियान को उन्होंने अत्यंत व्यवस्थित और बेहतर तरीके से चलाया था। उनकी महिला पंचायतें चर्चा का विषय थी। ऐसे में अगर उनका परिवार राजनीति में जिंदा रहना चाहता है तो राधा अहलावत की अगुवाई में एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा हो सकती है।
- हालांकि जजपा आदि किसी अन्य दल की टिकट पर चुनाव लड़ने का विकल्प भी खरकड़ा के पास है, लेकिन इस विकल्प के प्रयोग की संभावना बहुत कम दिखाई देती है।
अब सवाल यह उठता है कि खरकड़ा को टिकट ना मिलने का चुनाव पर असर क्या होगा? प्रथम दृष्टि से तो लगता है कि इसका सीधा फायदा हरियाणा जनसेवक पार्टी के बलराज कुन्डू को होगा। दीपक हुड्डा नए उम्मीद्वार हैं। अगर वे शीघ्र ही महम में पार्टी कार्यकर्ताओं को नहीं संभाल पाए तो भाजपा के कार्यकर्ता कुन्डू की ओर जा सकते हैं।
लेकिन शमसेर खरकड़ा से सीधे जुड़े ज्यादा कार्यकर्ता कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। ऐसी चर्चाएं महम में शुरू भी हो गई हैं। ’फिक्सिंग’ ’मिक्सिंग’ जैसे शब्दों का खूब प्रयोग हो रहा है। फिलहाल कुंन्डू के पक्ष में दिख रहा ये पहिया घूम भी सकता है। निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले कुछ दिनों का इंतजार करना होगा।
खरकड़ा या राधा अहलावत निर्दलीय या किसी दल से चुनाव लड़ते हैं तो स्थिति अलग होगी।
बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा कि दीपक हुड्डा का प्रचार अभियान कैसा चलता है। वे भाजपा को मूल कार्यकर्ताओं को अपने साथ लाने में किस हद तक सफल होते हैं। दीपक महम के गांवों का कम से कम एक दौरा तो कर चुके हैं। वे कार्यकर्ताओं से परिचय तो स्थापित कर चुके हैं।
अगर ’फिक्सिंग’ ’मिक्सिंग’ और ’प्लान बी’ चर्चाएं इन दिनों महम के चुनावी माहौल को गर्म किए हुए हैं। देखते हैं आगे क्या-क्या होता है? फिलहाल महम का गेम अभी ऑन है। नेताओं के साथ गलियों में घूम रही भीड़ किसी निष्कर्ष का पैमाना नहीं कही जा सकती
इंदु दहिया/ 8053257789
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