ग्रामीणों का कहना है कि उनके स्कूलों से अध्यापकों की पोस्ट समाप्त कर दी
महम
स्कूलों में रेशनलाइजेशन नीति के तहत अध्यापकों की पोस्ट समाप्त किए जाने का विरोध किया जाना आरंभ हो गया है। महम चौबीसी के गांव बैंसी में ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल को ताला लगा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के स्कूलों में पहले से ही अध्यापकों की कमी है। अब दोनों स्कूलों से पांच-पांच पोस्ट और समाप्त कर दी हैं।
ग्रामीण जिले सिंह, बिजेंद्र व संजय का कहना है कि उनके स्कूल से गणित, अंग्रेजी, बायोलॉजी, संस्कृत तथा भूगोल की पोस्ट समाप्त कर दी गई हैं। इसी प्रकार गांव के लड़कियों वाले स्कूल से भी पांच पोस्ट समाप्त की गई हैं। दोनों स्कूलों में लगभग 700 छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
ग्रामीणांे का कहना है कि सरकारी स्कूलों मंे अधिकतर गरीब परिवारों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल में अध्यापक ही नहीं होंगे तो विद्यार्थि कैसे पढ़ेंगे? ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है ताकि गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण ना कर सकें।
ग्रामीणों की मांग है कि उनके स्कूलों में अध्यापकों की पोस्ट वापिस दी जाएं अन्यथा स्कूल का ताला नहीं खोला जाएगा।
इमारत भी है जर्जर
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल की इमारत भी जर्जर हो चुकी है। इसके लिए ग्रामीण राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, विधायक बलराज कुन्डू, भाजपा नेता शमशेर खरकड़ा तथा उपायुक्त रोहतक से भी मिल चुके हैं। समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। अगर इमारत को ठीक नहीं किया गया तो यहां भी कोई हादसा सकता है।