दादी सती परिसर खेड़ी चल रही है श्रीमद्भागवद कथा

महम
गांव खेड़ी के दादी सती परिसर में चल रही श्रीमद्भागवद कथा के वाचक पंडित योगश शास्त्री ने कहा है कि जब पापी के पाप का घड़ा भर जाता है, तो भगवान उसे फोड़ देते हैं और पापी का सर्वनाश कर देते हैं। पाप की उम्र लंबी नहीं होती। सदाचार ही मानव का असली गहना होता है।
पंडित योगेश शास्त्री ने गुरुवार को श्रीमद्भागवद कथा के दौरान श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह तथा कंस वध की कथा का वाचन किया। उन्होंने बताया कि कंस ने श्रीकृष्ण को बालरूप में मारने का हरसंभव प्रयास किया। बार-बार राक्षसों को उनके वध के लिए भेजा, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हुई। कंस के अत्याचारांे का अंत तो आखिर होना ही था।
भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम के साथ मथुरा में कंस वध के लिए ही आए थे। कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मलयुद्ध के लिए ललकार। भगवान ने कंस का वध कर दिया। इस प्रकार कंस के पापों का अंत हो गया।
पंडित योगेश शास्त्री ने कहा कि अंहकार हमेशा ही मानव के अंत का कारण बनता है। जिस प्रकार रावण का अंहकार उन्हें ले डूबा इसी प्रकार कंस का अहंकार भी उनकी मृत्यु का कारण बना। उन्होंने कहा कि मानव सदाचार के रास्ते पर चलकर ही सुख शांति व परमात्मा का प्रेम पा सकता है। भगवान अपने भक्तों की पुकार हमेशाा सुनते हैं। भगवान कभी भी अपने भक्तों को निराश नहीं करते।
उन्होंने कहा कि सामान्य मानव में भी अच्छी व बुरी प्रवृतियां होती हैं। मानव का विवेक उसे समझाता है कि कौन सी वृति उसके लिए अच्छी है। उन्होंने कहा कि भगवान की अराधना करने से मानव श्रेष्ठता को प्राप्त कर लेता है। (विज्ञप्ति) इंदु दहिया/ 8053257789

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