श्रीमद्भागवद कथा में शुक्रवार को श्रीकृष्ण सुदामा मिलन की कथा हुई
महम
खेड़ी के दादी सती परिसर में हो रही श्रीमद्भागवद कथा के दौरान शुक्रवार को श्रीकृष्ण सुदामा मिलन तथा सुखदेव पूजन व विदाई की कथाओं को वाचन हुआ। कथा वाचक योगेश शास्त्री ने कहा कि मित्रता निभाने का व्यवाहर सीखना है तो हमें भगवान श्रीकृष्ण से सीखना चाहिए। श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता सदियों से अमर है और अमर रहेगी।
उन्होंने कहा कि गरीब सुदामा जब श्रीकृष्ण के पास आए तो उन्होंने अपने बचपन के सखा सुदामा के पैरों को धोया उन्हें उचित आसन्न व मान सम्मान दिया। शुक्रवार को राजा परीक्षित द्वारा सुखदेव जी का पूजन तथा सुखदेव जी की विदाई की कथा भी श्रद्धालुओं को सुनाई गई।
योगेश शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भगवत कथा प्रेत पीड़ा विनाशनी है। इस कथा का श्रवण करने से पितृ देवताओं की मुक्ति होती है। उन्होंने कहा कि इस कथा को अवश्य सुनना चाहिए। यह कथा हमें पापों से मुक्ति देती है और पुण्य प्रदान करती है। जो व्यक्ति इस कथा को भक्तिभाव से सुनता है उसे काफी लाभ होता है। शनिवार को कथा का समापन होगा। (विज्ञप्ति) इंदु दहिया/ 8053257789
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