विभाग ने माना तकनीकी रूप से गलत था लाइन को ऐसे जोड़ना
महम के पुराने जलघर में बने सीवरेज के डिस्पोजल को सिवरेज की मेनलाइन में जोड़ने का प्रयोग असफल हो गया। सीवर ओवरफ्लो हो गया। बीडीपीओ कार्यालय के सामने भारी मात्रा में गंदा पानी जमा हो गया। आसपास भयंकर दुर्गंध फैली हुई है। विभाग ने स्वयं स्वीकार किया है कि लाइन को इस प्रकार जोड़ना तकनीकी रूप से गलत था।
महम के इमलीगढ़ तथा आसपास के कुछ इलाके के सीवरेज के लिए पुराने जलघर में डिस्पोजल बना रखा है। इस डिस्पोजल का गंदा पानी महम के ऐतिहासिक जलभरत तालाब में डाला जाता था। जलभरत तक यह गंदा पानी खुले नाले के माध्यम से जाता था। नागरिक इसका लगातार विरोध कर रहे थे। इस संबंध ने जनप्रतिनिधियों तथा उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की जा चुकी थी। समस्या कई साल पुरानी थी।
आखिर डिस्पोजल की लाइन को मेन लाइन में जोड़ दिया गया। ऐसा करते ही सीवर ओवरफ्लो हो गया। गंदा पानी हाईवे पर तथा आसपास जमा होने लगा। नागरिक इसे विभाग की नाकामी बता रहे हैं। जबकि जनस्वस्थ्य विभाग के जेई मनोज गुलिया का कहना है कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि यह तकनीकी रूप से गलत है, लेकिन नागरिक नही माने। मजबूरी में डिस्पोजल लाइन को मेनलाइन में जोड़ना पड़ा। वास्तव में डिस्पोजल लाइन को नहीं बस स्टैंड के सामने स्थित एमपीएस में जोड़ने की योजना है। जिसके लिए एस्टीमेट बन चुका है। फिलहाल वापिस पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी गई है।
इंदु दहिया/ 8053257789
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