वर्तमान व पूर्व शिक्षकों ने सांझा किए अनुभव

महम
अध्यापक दिवस के उपलक्ष्य पर ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के प्रभू उपहार भवन महम मंे एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। भारत के नवनिर्माण में अध्यापक की भूमिका विषय पर हुई इस संगोष्ठी में नगरपालिका के उपप्रधान बसंत लाल गिरधर एवं सेवानिवृत प्राचार्य एडवोकेट कर्मबीर सिंह मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। सेवानिवृत प्राचार्य मनीष खुराना एवं रमेश गिरधर विशिष्ट अतिथि थे। अध्यक्षता ब्रह्मकुमारी बहन चेतना ने की।
बहन चेतना ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल डिग्रियां हासिल करना नहीं है, बल्कि जीवन का निर्माण है। वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए मन का शुद्ध संकल्पों से भरा होना आवश्यक है। इसके लिए एक मंत्र अपने जीवन में धारण कर लें। कम सोचना है, अच्छा सोचना है और धीरे सोचना है। मन की गति शांत रहने से ही मनुष्य सही निर्णय ले सकता है।
बसंतलाल गिरधर ने शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा रक्तदान के महत्व के बारे मंे भी बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विद्यार्थी ही उनकी पहचान होते हैं। कर्मबीर सिंह ने अपने जीवन के अनुभव सांझा किए तथा कहा कि शिक्षक वास्तव में राष्ट्र का निर्माता होता है। शिक्षिका मंजु गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि विद्यार्थी शिक्षक की केवल शिक्षा का ही अनुसरण नहीं करते बल्कि शिक्षक के चरित्र का भी अनुसरण करते हैं। कुमार अतुल ने शिक्षकांे को फिटनेस का महत्व बताया तथा एक्सरसाइज करवाई।
कार्यक्रम में सुशील गुप्ता व कनिका गिरधर ने भी भाग लिया। बाल विद्यार्थियांे ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। (विज्ञप्ति) इंदु दहिया/ 8053257789

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