वर्तमान का सही प्रयोग ही भविष्य को सवांरेगा

कहते हैं किसी राज्य में एक प्रथा थी। वहां का राजा केवल एक साल के लिए बनाया जाता था। एक साल तक उसके पास सभी अधिकार होते और एक साल के बाद उसे एक नाव में बैठा कर दूर एक निर्जन द्वीप पर छोड़ दिया जाता। उसे कुछ भी नहीं दिया जाता। केवल एक लंगोटी में उस राज्य से निकाल दिया जाता।
बनने वाले राजाओं को लगता कि उसके पास केवल एक साल का समय है, उसके बाद का समय तो कष्ट और दु:खों का है। वह अपने इस साल को भोग विलास और मौज मस्ती में बिता देता।

इसी कड़ी में एक नया राजा बना। वह भी जानता था कि एक साल बाद उसके साथ क्या होने वाला है। उसने राज्य के मंत्रियों से पूछा कि एक साल तक उसके अधिकारों की कोई सीमा है। मंत्रियों ने कहा कि राज्य की व्यवस्था के अनुसार आपके अधिकारों की कोई सीमा नहीं है, बस आप एक साल बाद राज्य के राजा को बदलने और उसे दूर द्वीप पर छोड़ने की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं कर सकते।
राजा ने कहा ठीक है। राजा ने तुरंत उस द्वीप का पता लगाया जहां राजाओं को एक साल बाद छोड़ा जाता था। उन्होंने उस द्वीप पर रहने की सब प्रकार की व्यवस्थाएं करने के आदेश दे दिए। अब ये सब राजा के अधिकार क्षेत्र में था तो राजव्यवस्था के अनुसार यह आदेश माना गया। एक साल में उस द्वीप पर एक सुंदर नगर बस गया।

निश्चित समय पर उस राजा को भी उस द्वीप पर भेजने के लिए नौका पर बैठाया गया तो वह खुश था। सिपाहियों ने पूछा कि जाने वाले राजा तो रोते हैं और आप खुश हैं।
जाने वाले राजा ने सिपाहियों से कहा कि उसने एक साल तक मौज मस्ती और भोग विलास करने की बजाय आगे की व्यवस्था की। इसलिए खुश हूं।
व्यक्ति वर्तमान को सही दिशा में लगा दे तो भविष्य सुखद हो जाता है।

आपका दिन शुभ हो!!!!!

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