किसान आंदोलन चलने तक गांव ने लगाई राजनैतिक कार्यक्रमों पर रोक
- गांव की दोनों पंचायतों ने किया फैसला
- ब्राह्मणों वाली चौपाल में हुई संयुक्त पंचायत
- दोनों पंचायतों के सरंपचों के अतिरिक्त अन्य जनप्रतिनिधि व गणमान्य व्यक्ति भी रहे उपस्थित
- युवाओं की पहल पर ग्रामीणों ने लिया फैंसला
गांव फरमाणा में किसान आंदोलन चलने तक कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होगा। किसी दल के राजनेता को गांव में राजनीतिक कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राजनेताओं को केवल निजी सुख दु:ख या सामाजिक कार्यक्रम में ही गांव में आने की इजाजत होगी। इसके अतिरिक्त बिजली के मीटरों को भी बाहर नहीं लगने दिया जाएगा। बिजली के मीटरों को बाहर निकालने के लिए आने वाले बिजलीकर्मी स्वयं जिम्मेदार होंगे।
इन मुद्दों को लेकर गांव की ब्राह्मणों वाली चौपाल में मंगलवार को एक पंचायत हुई। पंचायत में गांव फरमाणा बादशाहपुर के सरपंच आशीष कुमार तथा फरमाणा खास की सरपंच पूनम के प्रतिनिधि के रूप में दीपक के अतिरिक्त पूर्व सरपंच कर्मबीर तथा निदेशक जगबीर आदि भी उपस्थित रहे।
सर्वसम्माति से लिए फैंसले
पंचायत में कहा गया कि किसान आंदोलन एक संवेदनशील मुद्दा है। यह मुद्दा पूरी तरह से किसानों से जुड़ा हुआ है। यह मुद्दा कोई राजनीतिक रंग लेकर भटके ना, इसलिए गांव ने यह निर्णय लिया है कि कोई भी राजनीतिक सभा गांव में नहीं होगी।
आशीष सरपंच ने बताया कि बिजली के मीटरों को बाहर निकालने के मुद्दे पर भी पंचायत में एक मत से निर्णय लिया गया। पंचायत में कहा गया कि यदि कोई ग्रामीण बिजली चोरी करे तो विभाग उसके विरुद्ध कार्रवाई कर सकता है, लेकिन पूरे गांव से मीटर बाहर ना निकालने देने का निर्णय हुआ है।
युवाओं ने की पहल
इस पंचायत का आधार गांव के युवा बने हैं। आशीष ने बताया कि युवा अमित नम्बरदार, हरदीप तथा आशु आदि ने पंचायतों के सामने प्रस्ताव रखा कि किसान आंदोलन तक गांव में राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाए। सरपंचों ने इस प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को पंचायत बुलाई। सुरेश, दिलबाग, रकम साहरण, सोनू फरमाणा, जयबीर शर्मा, कुलदीप, महीपाल, दिलबाग सिंह, संदीप, कृष्ण आदि भी उपस्थित रहे।
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