जो चाहोगे वो पाओगे

एक साधु महात्मा थे वह हर रोज नदी किनारे एक घाट पर बैठकर चिल्लाया करते थे कि “जो चाहोगे वो पाओगे”, “जो चाहोगे वो पाओगे”, “जो चाहोगे वो पाओगे”! जो व्यक्ति वहां से गुजरता था वह साधु महात्मा को पागल समझता था और उनकी बात पर ध्यान नहीं देता था। 

एक दिन हमेशा की तरह साधु महात्मा चिल्ला रहे थे  “जो चाहोगे वो पाओगे” एक युवक वहाँ से गुजर रहा था , उसने उन साधु की आवाज सुनी और उनके पास चला गया।

उसने साधु महात्मा से पूछा, “महाराज आप बोल रहे हैं कि ‘जो चाहोगे वो पाओगे’ तो क्या आप मुझको वो दे सकते हो जो मैं जो चाहता हूँ?”

साधु महात्मा ने उसकी बात को सुना और कहा, “हाँ यह सच है बेटा! तू जो कुछ भी चाहता है मैं उसे जरुर दूंगा, बस तुझे मेरी बात माननी होगी। लेकिन सबसे पहले मुझे यह बताओ कि तुम्हे आखिर  क्या चाहते हो?”

युवक ने उत्तर दिया, “महाराज मेरी एक ही ख्वाहिश है मैं बहुत अमीर बनना चाहता हूँ! मैं हीरे मोती का बड़ा व्यापारी बनना चाहता हूँ।”

युवक की तत्परता देख साधु महात्मा बोले, “कोई बात नही तुम्हारी इच्छा जरूर पूरी होगी। मैं तुम्हे एक हीरा और एक मोती देता हूँ, उससे तुम जितने भी हीरे मोती बनाना चाहोगे बना पाओगे !”

इतना कहने के बाद ही साधु महात्मा ने अपना हाथ उन युवक की हथेली पर रखते हुए कहा, “पुत्र! मैं तुम्हे दुनिया का सबसे अनमोल हीरा दे रहा हूं, लोग इसे ‘समय’ कहते हैं, इसे मज़बूती  से अपनी मुट्ठी में पकड़ लो और इसे कभी मत गंवाना, तुम इससे जितने चाहो उतने हीरे बना सकते हो

युवक कुछ सोच में पड़ गया तभी साधु महात्मा उनकी दूसरी हथेली को पकड़ते हुए बोले, “बेटा, यह लो, यह है दुनिया का दूसरा सबसे कीमती मोती जिसे लोग ‘धैर्य’ कहते हैं। जब कभी समय देने के बावजूद भी तुम्हें परिणाम ना दिखाई दे तो इस दूसरे कीमती मोती का प्रयोग कर लेना, हमेशा याद रखना जिसके पास धैर्य नाम का यह मोती है, वह दुनिया में कुछ भी प्राप्त कर सकता है।”

वो व्यक्ति साधु महात्मा की बातों पर गम्भीरता से विचार करता है और बहुत बड़ी सीख प्राप्त करता है- समय और धैर्य दो सबसे बड़े अनमोल रत्न हैं। मन ही मन युवक निश्चय कर लेता है कि आज से वह कभी अपना समय बर्वाद नहीं करेगा और हमेशा धैर्य से काम लेगा। 

वहां से जाने के बाद युवक हीरों के एक बहुत बड़े व्यापारी के यहाँ नौकरी करता है समय का पूरा उपयोग कर काम सीखता है और अपनी  मेहनत और धैर्य से  ईमानदारी के बल पर एक दिन खुद भी हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनता है।

किसी भी हीरे मोती से मूल्यवान है ‘समय’ और ‘धैर्य’ नाम के हीरे-मोती। यदि आप समय का सही उपयोग पूरे धैर्य के साथ करें तो बड़े सा बड़ा लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। 

आपका दिन शुभ हो!

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