बुधवार को चालान कटने के बाद महम में आई थी कृष्णा बस

बसों को देनी होती है अड्डा फीस, अड्डों पर जाती ही नहीं बसें

महम में चल रही मुहिम के दौरान सामने आया चौकाने वाला तथ्य
महम

हरियाणा रोड़वेज की तो अधिकतर बसें महम के अंदर से आना आरंभ हो गई हैं। राजस्थान रोड़वेज की बसें भी अंदर से आ जाती हैं। कृष्णा बसों के चालक व परिचालक अभी भी नहीं मान रहें। यदि महम के बस अड्डा इंचार्ज की माने तो ये बसें राज्य सरकार को प्रति माह लाखों रूपए का चुना भी लगा रही हैं। इन बसों को जिला रोहतक में महम, रोहतक व सांपला में अड्डा फीस भी देनी होती है।
ऐसा लगभग चार साल से चल रहा बताया जा रहा है। महम में इन दिनों बसों को महम के बस स्टैंड से होकर गुजराने की मुहिम चली हुई है। इस मुहिम की अगुवाई कर रहे समाजिक कार्यकर्ता राकेश भारद्वाज ने बताया कि मुहिम का असर भी है। हरियाणा रोड़वेज के सभी डिपों की अधिकतर बसें अब महम के अंदर से जा रही हैं। अन्य राज्यों की बसों में भी सुधार है। लेकिन कृष्णा बसें अभी भी महम बाईपास होकर ही हिसार या दिल्ली के लिए जा रही हैं।
रोड़वेज विभाग ने महम में आठ रोड़वेज कर्मियों व अधिकारियों की ड्यूटी केवल इसलिए लगाई हुई है कि सभी बसें महम से होकर गुजरें। ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक कुलदीप व इंद्रराज ने बताया कि कृष्णा बसें तो उनके रोकने पर भी नहीं रूकती और सीधी चली जाती हैं।
बचा रहे हैं अड्डा फीस
कुलदीप व इंद्रराज ने बताया कि नियमानुसार कृष्णा बसों को महम में 100 रूपए अड्डा फीस देनी होती है। इनकी 16 बसें हैं। ऐसे में आते-जाते प्रत्येक बस को 100-100 रूपए की पर्ची कटवानी पड़ती है। सभी बसों के फेरे महम से हों तो अकेले महम बस स्टैंड की प्रतिदिन 3200 रूपए की पर्ची बनती हैं। लेकिन बसें यहां आती ही नहीं। महम के अड्डा इंचार्ज रमेश ठकराल ने बताया कि सरकार के आर्थिक नुकसान के साथ-साथ सवारियां भी परेशान होती हैं। सवारियों को या तो बैठाते नहीं बैठाते हैं तो हाईवे पर ही उतार देते हैं। ज्यादा किराया वसूली की जानकारियां भी मिल रही हैं।
बुधवार को हुआ एक चालान
रमेश ठकराल ने बताया कि कृष्णा बसों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार डीटीओ को है। बुधवार को डीटीओ ने औचक निरीक्षण किया था और एक बस का चालान भी काटा था। तब कुछ कृष्णा बसें महम अड्डा पर आई भी थी। उनकी पर्ची कटी है। लेकिन उसके बाद फिर कोई बस यहां नहीं आई। यह भी बताया गया कि ये अधिकतर बसें रोहतक व सांपला बस अड्डों पर भी नहीं जाती। सीधी बाईपास निकल जाती हैं। वहां भी इन्हें अड्डा फीस देनी होती है। ऐसे में प्रतिमाह लाखों रूपयों को चूना हरियाणा सरकार को लग रहा है। समाजिक कार्यकर्ता राकेश भारद्वाज का कहना है कि वे इस मामले में तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक ये बसें महम के अंदर से ना आएंगी। सरकार को इस ओर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इंदु दहिया/ 8053257789

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