भक्तिज्ञान यज्ञ के दौरान भगवान श्रीकृष्ण व देवी रूकमणी की झांकी की आरती उतारते डा. स्वामी विवेकानंद जी

हवन यज्ञ और भंडारा भी होगा

महम
श्री भगवद्धाम मंदिर में चल रहे भक्ति ज्ञान यज्ञ में भक्तों को उपदेश देते हुए डा. स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि परमात्मा को पाना है तो सद्मार्ग को अपनाना होगा। परमात्मा की भक्ति में श्रद्धा और समर्पण आवष्यक है। स्वामी जी ने श्रद्धालुओं को ज्ञान व भक्ति के बारे में भी विस्तार से बताया।
श्रीभगवद्धाम मंदिर में हर वर्ष होने वाला यह भक्तिज्ञान यज्ञ 74वां भक्तिज्ञान यज्ञ है। श्रीकृष्णानंद-गोविदानंद जी के परमशिष्य डा. स्वामी विवेकानंद जी इस ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं को ज्ञानामृत दे रहे हैं। स्वामी जी ने भक्तों को आध्यात्म व जीवन से जुड़े अधिकतर पहलुओं से अवगत कराया।
इस आयोजन में श्रीमद्भगवत कथा भी हो रही है। श्रीभगवद्धाम मंदिर के सचिव तिलक मेहंदीरत्ता ने बताया कि कथा वाचक रविषंकर शुक्ल ने जरासंध व कंस वध की कथा सुनाई। श्रीकृष्ण व रूकमणी विवाह की कथा का वाचन भी किया गया। इस दौरान डा. स्वामी विवेकानंद जी के शिष्य स्वामी रविंद्रानंद जी ने शानदार भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
भगवान श्रीकृष्ण व रूकमणी विवाह से संबंधित शानदार झांकियां भी निकाली गई। रविवार को भक्तिज्ञान यज्ञ का समापन होगा। इस अवसर पर मंदिर परिसर में ही हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। इंदु दहिया/ 8053257789

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