1958 में बनी थी महम की पुरानी अनाजमंडी वाली कमेटी इमारत

1924 में बनाया था महम को छोटा कस्बा कमेटी

1954 में बनी महम क्लास तीन कमेटी
1891के कानून के अनुसार महम को बनाया था नगरपालिका नोटिफाइड ऐरिया
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इंदु ’विजय’ दहिया की रिपोर्ट

महम नगरपालिका का इतिहास सौ साल से भी अधिक पुराना है। दा पंजाब मुनीसिल एक्ट 1884 के 1891 के पहले संशोधन में ही महम को मुनीसिपल नोटिफाइड ऐरिया घोषित कर दिया गया था। तब से आज तक महम नगरपालिका अपने तरीके से आकार लेती रही है।
1912 में भी बरकार रहा था महम का नोटिफाइड ऐरिया
1891 में संयुक्त पंजाब के अविभाजित रोहतक जिला से महम, सांघी, कलानौर, बुटाना, मुडलाना, सांपला, मान्डौठी, बादली तथा गुरयानी खरखौदा को मुनीसिपल नोटिफाइड ऐरिया घोषित किया था। दा पंजाब मुनीसिल एक्ट 1884 के 1912 के संशोधन में महम को छोड़कर सभी अन्य का नोटिफाइड ऐरिया का दर्जा समाप्त कर दिया गया था।
1924 में बनी छोटा कस्बा कमेटी
दा पंजाब टाऊन एक्ट, 1921 के तहत 1924 में महम में छोटा कस्बा कमेटी बनाई गई। महम में इस कमेटी का कार्यालय वर्तमान राजकीय प्राथमिक पाठशाला के पीछे था। आजकल इस स्थान पर अनुसूचित जाति का सामुदायिक केंद्र बना हुआ है।

लाला सत्यदेव के प्रधान बनने के समय का दुलर्भचित्र। इस चित्र में उस समय के पार्षद भी हैं। ये फोटो रामअवतार बंसल ने उपलब्ध करवाया है

1954 में हुई चुनावों की शुरुआत
महम नगरपालिका को 1954 में क्लास तीन कमेटी का दर्जा दिया गया। यहीं से चुनावों की शुरुआत भी हुई। महम नगरपालिका के प्रधान रहे चंद्र सिहं गोयत के पुत्र कुलजीत ने बताया कि आरंभ में महम पालिका में 11 वार्ड होते थे। उस समय के नियमानुसार आरक्षण भी था। 1958 महम पालिका का कार्यालय पुरानी सब्जीमंडी में आ गया था। कुछ दिन पहले अब यह कार्यालय यहां से भी बदल कर पुराने बस स्टैंड के पास चला गया है।

लाला सत्यदेव गुप्ता (फाइल फोटो)

ये बने पहली योजनाओं में महम के प्रधान
लाला सत्यदेव गुप्ता
लाला सत्यदेव गुप्ता पैट्रोलपंप वाले 1960 के दशक की शुरुआत में पालिका के प्रधान बने थे। सत्यदेव गुप्ता के पुत्र दिनेश गुप्ता ने बताया कि जब पहली बार में महम मे बिजली आई तो संयुक्त पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरो महम आए थे। उन्हें हाथी से महम के बाजार के बीचों-बीच लाया गया था। तब उनके पिता जी प्रधान थे।

लाला ओमप्रकाश जैन(फाइल फोटो)

लाला ओमप्रकाश जैन
1966 में हरियाणा बनने के बाद 1969 में लाला ओमप्रकाश जैन महम में नगरपालिका प्रधान बने थे। लाला ओमप्रकाश का जैन का परिवार आजकल दिल्ली रहता है। उनके पुत्र कैलाश ने बताया कि इस योजना में चंद्र सिंह गोयत उपप्रधान बने थे।

चौ.चंद्र सिंह गोयत (फाइल फोटो)

चौ.चंद्र सिंह गोयत
चंद्र सिंह गोयत के पुत्र कुलजीत गोयत ने बताया कि लाला ओमप्रकाश जैन 1969 में प्रधान बने थे। तीन साल बाद उनके पिता चंद्र सिंह प्रधान बन गए थे। जब उनके पिता प्रधान थे तब चौ. रामसरूप ढाका उपप्रधान बने थे। इस योजना में महम में काफी उठापटक रही थी।
बदलू राम गोयत
बदलूराम गोयत के महम के पहले प्रधान बनने की जानकारी मिली है। शिवराज गोयत ने बताया कि ये जानकारी उनके पिता लालजी राम गोयत ने उन्हें दी थी। महम पालिका के पहले चुनाव 1954 या 55 में हुए हैं। इसी चुनाव में बदलूराम के प्रधान बनने की जानकारी है। बदूलराम के पौत्र रणधीर सिंह महम चैबीसी पंचायत के प्रधान रहे हैं। उनका भी कुछ दिन पहले निधन हो चुका है।

हरियाणा मुनीसिपल एक्ट 1973 में हरियाणा में पालिकाओें के चुनावों को बंद कर दिया गया था। उसके बाद 1985 में फिर से चुनावों की शुरुआत हुई थी।

source-

 mcrohtak.gov.in/history/local Govt.PDFएवं महम के वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त जानकारियां

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