महम पुलिस चौकी में स्थित पीर की मजार पर लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
24सी न्यूज, संडे स्पेशल
श्रद्धा और विश्वास धर्म, जाति की सीमाओं से परे होता है। काल की डोर भी श्रद्धा को नहीं बांध सकती। श्रद्धा और विश्ववास समय बीतने के साथ कई बार और ज्यादा गहरे हो जाते हैं। हो सकता है रुप बदल जाए। व्यवस्था भले ही आधुनिक हों जाएं, लेकिन अस्तित्व में बहुत कुछ प्राचीन तथा मूल भी रह जाता है।
महम के प्रचीन किले के दक्षिण पूर्वी कोने में स्थित पीर काले खां की मज़ार कुछ ऐसी ही कहानी कहती है। बदलते वक्त ने यहां का रूप तो बदल दिया है, लेकिन श्रद्धालुओं का विश्वास ज्यों का त्यों है, बल्कि और बढ़ा है।
यह एक ऐसा स्थल है, जहां पुलिस भी आरोपियों को इंसाफ के लिए लेकर आती है। और बहुत से झगड़े सुलझ जाते हैं। दरअसल जहां यह मजार स्थित है वहां कभी महम का एक ऐतिहासिक किला होता था। महम का मुख्य पुलिस थाना भी इसी परिसर में बना था। शहर की पुलिस चौकी अभी भी यहां स्थित है।
पीर काले खां की मजार
यहां सेवक के रूप में कार्य कर रहे पार्षद कृष्ण नहरा ने बताया कि यह पीर काले खां की मजार है। जिन्हें महान सिद्ध पुरुष बताया गया है। 1972 में यहां का जीर्णोद्धार किया गया। मजार को ऊंचा उठाया गया। उसके बाद से लगातार इस परिसर को ओर अधिक बेहतर बनाने के लिए कार्य होता है। यहां प्राचीन जाल के वृक्ष तना अभी भी खड़ा है।
आरोपी बोलते हैं सच
कृष्ण नहरा ने बताया कि पीर परिसर के मुख्य द्वार पर ही पुलिस चौकी है। आरोपियों को सच व झूठ के लिए अक्सर पीर पर ले जाया जाता है। यहां आकर आरोपी अक्सर झूठ नहीं बोलते और अधिकतर विवाद यहीं पर सुलझ जाते हैं। कृष्ण नहरा पुलिस कर्मियों के साथ हुए चमत्कारों की बात भी बताते हैं।
स्थापित हो गई देवी-देवताओं की मूर्तियां भी
पीर परिसर में अब भगवान शिव व पार्वती की मूर्तियां भी स्थापित कर दी गई हैं। साथ ही भव्य प्रवेश द्वार बनवा दिया गया है। वैसे तो यहां हर दिन श्रद्धालु आते हैं, लेकिन गुरुवार को यहां शहर के श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ लगती है।
सभी फोटो सोहन फरमाणा