महम की आईटीआई में पढ़ती थी छात्रा
- शुक्रवार से लापता थी भिवानी के बडेसरा की छात्रा
महम के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआई) में पढ़ने वाली एक छात्रा का शव महम की ऐतिहासिक बावड़ी में मिला है। शव को शनिवार की सुबह बावड़ी के कुएं से निकाला गया। छात्रा शुक्रवार से लापता थी। बडेसरा निवासी 19 वर्षीय छात्रा महम आईटीआई में ड्राफ्समैन का कोर्स कर रही थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार को सुबह उसके पिता आईटीआई में पढ़ने के लिए महम छोड़ कर गए थे। दोपहर बाद छात्रा छुट्टी लेकर आईटीआई से आ गई।
शाम तक घर नही पहुँची तो परिजनों ने तलाश आरम्भ की। बावड़ी के कुएं के पास की चप्पलें और बैग रखा हुआ मिला। जिससे अंदाज़ा हुआ कि छात्रा ने बावड़ी के कुएं में छलांग लगा दी।
छात्रा को निकालने के प्रयास रात को भी किए गए थे। लेकिन शव को सुबह निकाला जा सका है।
अवसाद में थी छात्रा
जानकारी मिली है कि छात्रा कुछ समय से अवसाद में थी। अवसाद के इलाज के लिए उसकी दवाइयां भी चल रही थी। फिलहाल मामला आत्महत्या का ही लगता है।
पुलिस शव को बावड़ी से निकाल के पोस्टमार्टम के लिए पीजीआई रोहतक भेज दिया है।
आत्महत्या स्पॉट बनती जा रही है बावड़ी
महम की बावड़ी इलाक़े में आत्महत्या स्पॉट बनती जा रही है। इससे पूर्व भी बावड़ी के कुएं में आत्महत्या करने की घटनाएं घट चुकी हैं। लगभग एक साल पहले एक महम निवासी तथा एक सैमान निवासी युवक आत्महत्या कर चुके है। ग्रामीणों ने बावड़ी के कुएं पर जाल लगाने की मांग की है।
महम की बावड़ी एक ऐतिहासिक धरोहर है। इसका निर्माण 1658-59 ई. में बादशाह शाहजहां के छत्रप सैदु कलाल ने करवाया था। महम चौबीसी के गांव निंदाना के प्रसिद्ध सांगी धनपत सिंह ने इस बावड़ी का नाम ज्ञानी चोर नाम के चरित्र के साथ भी जोड़ा है। हालांकि ज्ञानी चोर नाम के चरित्र को लेकर कोई ऐतिहासिक तथ्य उपलब्ध नहीं हैं। (विज्ञप्ति) इंदु दहिया/ 8053257789
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