सूखा पड़ा है बलंभा माइनर

42 दिन के बाद आना था नहर में पानी, एक दिन आया फिर बंद

महम में पानी को लेकर भीषण संकट
पांच-पांच दिन में मिल रहा है पेयजल
खेत सूख रहे हैं

महम
महम इन दिनों पानी के भारी संकट से गुजर रहा है। ना घरों में पीने का पानी है। ना खेतों की फसलों को सिंचाई हो रही है। अधिकारी खुद परेशान हैं। नहर से जलघर तक ही पानी नहीं आया तो, दे कहां से?
हालात ये हो गए हैं कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने खुद ही सोशल मीडिया पर सूखे माइनर का फोटो डाल कर बताना पड़ा है कि जलघर को पानी नहीं मिल रहा।
दरअसल 42 दिन के बाद नहरी पानी की आपूर्ति प्रस्तावित थी। पानी आया भी, लेकिन सिर्फ एक दिन।
पहले से सूखे पड़े जलघर के टैंकों को पानी मिला ही नहीं। हालात इतने बदत्तर हैं कि महम में पांच-पांच दिन में एक दिन पानी मिल रहा है। वह भी कुछ देर। नागरिक राजेश जिंदल ने बताया कि पानी के कमी के साथ-साथ गंदे पानी की भी समस्या है।


सूख रही हैं फसलें
बलंभा माइनर के किसान राजू नंबरदान ने बताया कि इस माइनर पर पहले ही पानी की भारी कमी है। पानी की कमी के कारण कई एकड़ में तो बिजाई ही नहीं हो पाई। जहां बिजाई हुई हैं, वहां भी फसलें सूख रही हैं। गेहूं की फसल कोर के बिना भी सूख रही है। किसानों ने कहा कि वे नहरी पानी के भीषण संकट से गुजर रहे हैं।
परेशान हैं अधिकारी
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सुरेंद्र काद्यान ने कहा कि वे खुद परेशान हैं। ट्यूबवैलों के पानी से कस्बे के लिए पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति संभव नहीं है। नहरी पानी का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन एक दिन आते ही नहर बंद हो गई। उन्होंने कहां है कि संभव है कि शीघ्र ही नहरी पानी मिलने लगे और समस्या का समाधान हो जाए।

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