कबीर वाणी
किसी वस्तु को पाने के लिए लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। खींचातानी और लड़ाई झगड़े से प्राप्त की गई वस्तु अपना महत्व ही नहीं खो देती बल्कि गलत प्रभाव भी डालती है। लड़ाई झगड़े से प्राप्त वस्तु रक्त के समान होती है। जो वस्तु सहजता से प्राप्त हो जाए वही श्रेयकर है।
महात्मा कबीर ने कहा है
सहत मिले तो दूध है, मांगि मिलै तो पानी
कह कबीर वह रक्त है, जामे ऐंजातानि।।
तो बिन मांगे सहजता से मिल जाए वो दूध समान है। मांगने से मिल जाए वो पानी है। और जिसे पाने के लिए खींचातानी करनी पड़े अर्थात लड़ाई झगड़ा करना पड़े, वो रक्त के समान है।