जीवन एक सपना है
एक फकीर हुए हैं। जिनका नाम च्वांग तफे था। कहते हैं एक बार उनकों सपना आया। सपने में उन्हें देखा कि तितली हो गए हैं। तितली बन फूलों पर उड़ रहे हैं। सुबह उठने के बाद तफे ने इस सपने का जिक्र अन्य फकीरों और शिष्यों से किया। बताया कि सपने में उसने देखा कि वह तितली बन गया है। और अपने आप को तितली ही समझ रहा था।
सबने कहा कि इसमें हैरानी की बात क्या है? ऐसे सपने तो सबको आते हैं।
तफे ने कहा कि उन्हें सपने में लग रहा था कि वो तितली ही हैं। और अब लग रहा है कि वो तफे हैं।
अब मैं कैसे मान लूं कि कौन सी बात सही हैं। कहीं ऐसा तो नहीं हो कि तितली तफे का सपना देख रही हो। जब तफे तितली हो सकता है तो तितली तफे क्यों नहीं हो सकता?
उन्होंने अपने शिष्यों से समझाया कि जीवन ही सपना है। जो घटित हो रहा है वह भी सपना है। जिसे हम सत्य मान रहे हैं वह भी सपना है।
जीवन को सपने के रूप में ही लेना चाहिए। (ओशो प्रवचन)
आपका दिन शुभ हो!!!!!
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