श्रीराम कथा के दौरान निकाली गई झांकियां

इच्छाओं को शांत रखकर ही जीवन को शांत रखा जा सकता है-पंडित प्रहलाद मिश्र

मानस मर्मज्ञ पंडित प्रहलाद मिश्र ने कहा है कि मानव अपने जीवन को शांत तभी रख सकता है जब वह अपनी इच्छाओं को शांत रख सके। धार्मिक कर्म करना हमारी आदत होनी चाहिए। जीवन वैसा ही बन जाता है, जैसा हम बनाना चाहते हैं। श्री राम ने लोक में आकर मर्यादा के उच्च आदर्शों को स्थापित किया। इसीलिए श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
पंडित प्रहलाद मिश्र श्रीमदभगवदधाम मंदिर महम में चल रहे भक्ति ज्ञान यज्ञ के दौरान श्रीराम कथा का वाचन कर रहे थे। बुधवार को श्रीराम जन्म की कथा हुई।

श्रीराम कथा में तीसरे दिन हुआ श्रीराम जन्म

पंडित जी ने कहा कि श्रीराम ने पृथ्वी से राक्षसों के विनाश तथा धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया था।  उन्होंने कहा कि मनुष्य को विषम परिस्थितियों में भी धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए। भक्ति का फल ज्ञान है। ज्ञान से जाना जाता है और भक्ति से माना जाता है।
पंडित जी ने कहा कि गुरुदेव, माता-पिता के पास बिना बुलाए भी चले जाना चाहिए। परमात्मा को हृदय में और जगत को दिमाग में रखना चाहिए। परिस्थितियां अनुकूल हों यो प्रतिकूल भजन अवश्य करना चाहिए।
पंडित जी ने कहा कि प्रभू श्री राम पर को समर्पित कर किया जाने वाला कार्य सफल अवश्य होता है। उन्होंने श्रीराम जन्म का अत्यंत सुंदर वर्णन किया। श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया। इस अवसर पर श्रीराम जन्म तथा अन्य झांकियां भी निकाली गई, जिन्हें बहुत पंसद किया गया।

श्रीराम कथा में बाल झांकियां

कथा वाचन के दौरान स्वामी रविंद्रानंद जी महाराज, एसकेजी स्कूल की प्राचार्या वंदना गेरा, पवन कुमार गेरा, बिट्टू मेहंदीरत्ता, कृष्ण गेरा, राजकुमार भल्ला, हंसराज गेरा, बलदेव गेरा, कन्हैया मथूरिया, तिलक मेंहदीरत्ता, पुष्कर मेंहदीरत्ता, नीलम भल्ला, खुशूब तथा तानिया सहित एसकेजी स्कूल के स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।

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