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‘कबीर लहरी समंद की, मोती बिखरे आई।’- जीवनसूत्र 24सी

महात्मा कबीर वाणी जिस प्रकार हीरे की गुणवत्ता को जौहरी ही परख सकता है। उसी प्रकार वस्तु या व्यक्ति के गुणों को पारखी ही समझ सकता है। गुणों को समझने…

बादशाह को कैसे पता चला एक व्यक्ति निःस्वार्थ महानता का?-आज का जीवनमंत्र 24c

आंखों देखा क्या हमेशा सच होता है? एक बादशाह भेस बदलकर लोगों की खैर-ख़बर लिया करता था। एक दिन अपने वज़ीर के साथ गुज़रते हुए शहर के किनारे पर पहुंचा…