समय रहते हो सकता है उपचार, नहीं तो खतरनाक

24सी न्यूज, महम
पैडी अर्थात धान की फसल में स्टैम बोरर अर्थात तना छेदक बीमारी ने हमला करना शुरु कर दिया है। पकने को लगभग तैयार धान की फसल खराब होने लगी है। किसान परेशान हैं।
गांव फरमाणा के खेतों में धान की फसल में स्टैम बोरर के लक्षण मिले हैं।
किसान रामकुमार, मेहर सिंह, हवा सिंह, सतबीर, राज सिंह फौजी, नसीब, मनजीत, प्रदीप, बबलू व संजय ने बताया कि अभी तो फरमाणा के कुछ एकड़ में ही यह बीमारी दिखी है। अन्य गांवों में भी यह बीमारी हो सकती है। भय है कि बीमारी ने विकराल रुप धारण कर लिया तो किसानों के लिए मुसीबत हो सकती है।
कृषि विभाग शीघ्र दे ध्यान-सतेंद्र बूरा
किसान सतेंद्र बूरा ने बताया कि धान की फसल पर अब तक केवल खाद, बीज, बुआई और खतरपतवार निकालने आदि पर ही किसानों का पंद्रह से बीस हजार रुपए प्रति एकड़ का तो सीधा खर्च आ चुका है। इस बार पानी भी ट्यूबवैलों से देना पड़ा है। डीजल का खर्च अतिरिक्त है। कई किसानों ने तीस से चालीस हजार प्रति एकड़ में जमीन ठेके पर ली है। उनके लिए यह खर्च दोगुना से भी अधिक हो चुका है।
किसान पहले से खेती व फसल से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहा है। कृषि विभाग को चाहिए कि इस और तुरंत ध्यान दे। किसानों के लिए जागरुकता अभियान चलाए तथा बीमारी के विकराल रुप धारण करने से पूर्व इसकी रोकथाम करे।
ये हैं लक्षण
किसानों ने बताया कि धान की बाली में दाना की बनने लगता है, लेकिन रुक जाता है। बाली सफेद हो जाती है। और दाना बिल्कुल नष्ट हो जाता है।
रुक जाता है बाली का पोषण- कृषि अधिकारी
कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि इस बीमारी के तहत कीड़ा पौधे के तने में पनपता है। पौधे के बाली की ओर जाने वाले पोषण को रोक देता है। बाली में दाना बनना बंद हो जाता है। और बाली सफेद हो जाती है। किसानों को समय रहते इसका उपचार करना होगा। इस बीमारी को आने से रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए। बीमारी शुरु होने के बाद इसे रोकना मुश्किल हो जाता है।

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