200 से ज्यादा खिलाड़ी बहा रहे हैं पसीना
- राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर लगे हैं खेलने
- वरिष्ठ खिलाड़ी और ग्रामीण कर रहे हैं मार्गदर्शन
महम हलके का गांव फरमाणा अपनी ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है। इस गांव की उच्च सामाजिक परंपराएं रही हैं। दो पंचायतों वाले इस गांव में युवा अब खेलों में भी जौहर दिखाने को तैयार हैं। गांव में दो सौ से ज्यादा खिलाड़ी प्रतिदिन विभिन्न खेलों के लिए पसीना बहा रहे हैं। इनमें से मुख्य टीमें कबड्डी तथा बाॅलीवाॅल की हैं। एथेलिक्टस के भी कई उभरते खिलाड़ी हैं।

कबड्डी के हैं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
फरमाणा गांव में कबड्डी की लगभग आधा दर्जन टीमें हैं। इनमें से तीन टीम तो अत्यंत उच्च स्तरीय हैं। गांव के सौ से अधिक खिलाड़ी कबड्डी खेल रहे हैं। ज्यादातर खिलाड़ी नेशनल स्टाइल कबड्डी खेल रहे हैं।
गांव में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, बारसी वाला तालाब तथा खेल स्टेडियम में खिलाड़ी कबड्डी का अभ्यास करते हैं। कबड्डी का कोई घोषित कोच नहीं है। टीमों के वरिष्ठ खिलाड़ी अपने कनिष्ठ खिलाड़ियों को मार्गदर्शन करते हैं।

वाॅलीवाॅल की बन रही है नर्सरी
वाॅलीवाॅल में गांव से सौ से ज्यादा खिलाड़ी खेल रहे हैं। खास बात यह है कि वाॅलीवाॅल के लिए गांव की लड़कियों की टीम भी तैयार हो गई है। लड़कियों की दो टीमें तैयार हो रही हैं। गांव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा बादशाहपुर पंचायत के योगा मैदान में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।

अमीर सिंह का गांव है फरमाणा
राष्ट्रीय वाॅलीवाॅल टीम के कप्तान रह चुके तथा कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके अमीर सिंह गांव फरमाणा के ही हैं। हालांकि ग्रामीणों को शिकायत है कि अमीर सिंह गांव में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अपना सक्रिय योगदान नहीं दे रहे, लेकिन साथ ही युवा यह भी कह रहे हैं कि अमीर सिंह उनके प्रेरणा स़़्त्रोत हैं।

गणमान्य ग्रामीण कर रहे हैं मदद
गांव के खिलाड़ियों को खेल किट व अन्य सामान व फल आदि उपलब्ध करवाने में समय-समय पर मदद कर रहे महाबीर सिंह का कहना है कि गांव के गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग से गांव के बच्चे खेलों की ओर बढ़ रहे हैं। महाबीर सिंह का कहना है कि इस गांव में खेल, शिक्षा व संस्कृति की समृद्ध परंपरा रही है। वे चाहते हैं कि गांव में खेल, शिक्षा और संस्कृति फिर से स्थापित हो जाए। इसके लिए वे युवाओं तथा ग्रामीणों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। महाबीर सिंह ने कहा कि खेल व शिक्षा को बढ़ावा देकर ही युवाओं को अपराध की दुनिया से दूर रखा जा सकता है। गांवों में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्हें सुविधाएं व मंच देने की आवश्यकता है। इसके लिए ग्रामीण कार्य कर रहे हैं।

24c न्यूज/ दीपक दहिया 8950176700
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