प्रत्याशियों ने चलना शुरु की अंतिम चालें
नए गठजोड़ बनाने के प्रयास भी शुरु
इंदु दहिया
महम पालिका के चुनाव में अब बस दो दिन का समय बाकी रह गया है। शहर की नजरें प्रधान पद हैं। ज्यों-ज्यों समय नजदीक आ रहा है। शहरवासियों की उत्सुकता बढ़ रही है और प्रत्याशियों की धड़कनें भी। हालांकि तस्वीर कुछ हद तक साफ होने लगी है। इसके बावजूद अभी चर्चा हैं कि अंतिम बाजी कौन मारेगा? क्या मीना वाल्मीकि की ’घड़ी’ अंतिम समय तक टाइम ठीक बता पाएगी या अमरजीत कौर की खुल जाएगी ’अलमारी’। भारती पंवार की ’बस’ की स्पीड़ क्या इतनी तेज हो पाएगी कि उसे मंजिल तक ले जाएगी। सबसे अधिक दिलचस्प ये रहेगा कि क्या विधायक बलराज कुन्डू अपनी प्रत्याशी के ’डमरू’ से क्रांति का जयघोष कर पाएंगे या नहीं? कुन्डू ही एकमात्र ऐसा बड़ा चेहरा हैं जो खुलकर चुनाव मैदान में हैं।
आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में हैं। पार्टी के स्टार प्रचारकों ने ताकत भी झोंकी है। उल्टफेर के दावे भी किए जा रहे हैं। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी आशा रानी को भी भरोसा है कि पार्टी के परपंरागत के मतों के आधार पर उसकी नैया पार लग सकती है। ’निधि’ के पिता अनिल चावरिया लंबे समय से महम की पालिका की राजनीति में हैं। मैदान में इनेलो प्रत्याशी और सीमा रानी भी हैं। कुछ प्रत्याशी बेशक चुनाव ना जीतें, लेकिन अंतिम समय में किसी के खेल को ’बना’ या ’बिगाड़’ तो सकते ही हैं। लेकिन यहां यह भी साफ है कि महम के इस चुनाव में राजनीति नहीं, जाति तथा अन्य बिंदु ज्यादा हावी हैं।
खैर परिणाम का इंतजार तो 22 जून तक करना होगा। लेकिन फिलहाल प्रत्याशियों ने अपनी अंतिम चाले चलनी आरंभ कर दी हैं।
चार प्रत्याशी भाजपा से हैं
चुनाव मैदान में चार प्रत्याशी भाजपा बैकराऊंड के हैं। मीना वाल्मीकि भाजपा की जिला स्तरीय पदाधिकारी है और लंबे समय से पार्टी में स्वयं सक्रिय है। भारती पंवार पालिका के निवर्तमान प्रधान ’फतेह सिंह’ की पुत्रवधु है। फतेह सिंह भी 2014 से भाजपा में है। अमरजीत कौर पालिका के पूर्व प्रधान जगबीर बहमनी के छोटे भाई की पत्नी है। जगबीर बहमनी भी भाजपा में है। निधि निवर्तमान पार्षद अनिल चावरिया की पुत्री हैं। अनिल चावरिया भी भाजपा में हैं।
बंटे हुए हैं भाजपा के नेता
शायद हरियाणा में महम एक ऐसी नगरपालिका है जहां इस चुनाव में भाजपाई बंटे हुए हैं। मीना वाल्मीकि को जहां लगातार जिला ईकाई के महिला व पुरूष नेता अपना सहयोग व आशीर्वाद दे रहे हैं। वहीं भारती पंवार को मंडल प्रधान अपना समर्थन दे चुके हैं। मीना वाल्मीकि तो अपने जनसंपर्क के दौरान भाजपा का झंडा भी प्रयोग कर रही हैं। कार्यालय पर भाजपा नेताओं की तस्वीरें भी लगाई हैं। वहीं भारती पंवार के साथ महम के एक र्स्वोच्च नेता भी बताए जा रहे हैं। जजपा के नेताओं ने भी भारती को अपना समर्थन दिया है और उसे गठबंधन का प्रत्याशी बताया है। जगबीर बहमनी के साथ कई स्थानीय भाजपाई खुलकर वोट मांग रहे हैं।
हालांकि अभी भी कई ऐसे मूल भाजपा कार्यकर्ता हैं, जो असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें अभी भी किसी एक के पक्ष में पार्टी हाईकमान के सपष्ट इशारे का इंतजार है।
ऐसे बन या बिगड़ सकता है खेल
महम में पालिका चुनाव के प्रधान पद की सेमीफाइनल तस्वीर तो लगभग साफ हो चुकी है। सेमीफाइनल के चार प्रत्याशियों की चर्चा हो रही है। अगर सेमीफाइनल की टीमें आपस में नहीं मिली और खुलकर लड़ती रही तो मुकाबला रोचक हो सकता है।
अगर अंतिम समय में सेमीफाइनल की कोई एक या दो टीम के खिलाड़ियों का झुकाव किसी दिशा में हो गया तो विजेता के लिए आसानी हो सकती है।
इसके अतिरिक्त सेमीफाइनल से पहले दौड़ से बाहर हो चुकी टीम भी खेल को बनाने या बिगाड़ने में अह्म भूमिका निभा सकती हैं।
यह तथ्य भी उभर कर आ रहा है
अब तक माना जा रहा था महम में तीन हजार से कुछ अधिक मत लेकर ही कोई प्रत्याशी प्रधान पद का ताज पहनने में कामयाब हो सकता है। महम में 16 हजार से कुछ अधिक मतदाता हैं। 12 के आसपास वोट पोल होने की संभावना है। नौ प्रत्याशी सीधे चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में कम मतों से भी विजयी ताज पहनने की संभावना प्रबल थी।
अब अंतिम समय में फाइनल हो सकता है। दो प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कड़ा बन सकता है। ऐसे में जीतने वाले प्रत्याशी को चार हजार से पार मतों की आवश्यकता भी हो सकती है।
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