महम में आगामी पालिका चुनावों की तैयारियां शुरु हो गई हैं

बनने लगी हैं रणनीतियां, कुछ ने फिर से चुनाव लड़ने की कर दी घोषणा
नए उम्मीद्वार भी आने लगे हैं सामने
निवर्तमान पार्षदों तथा उनके प्रतिनिधियों से बातचीत पर आधारित 24c न्यूज की खास रिपोर्ट
महम

’चौधर’ की ’चाह’ जब लग जाए तो धीरे से जाती नहीं। ’सिरमौर’ बनने का ख्वाब रह-रह कर वापिस लौट आता है। महम के वार्ड पार्षदों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। कुछ ने अपने पांच वर्षों के काम के आधार पर फिर से दावेदारी ठोक दी है। जबकि कुछ अभी समय का इंतजार कर रहे हैं। गेंद पंचायत के पाले में डाल रहे हैं। हालांकि कुछ ऐसे भी है, जो कह रहे हैं बस बहुत हो गया। अब उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।
गत 21 जून को पालिका पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो गया। 15 वार्डों की महम नगरपालिका में इस बार प्रधान का चुनाव सीधे मतदान से होगा। प्रधान का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इसके बावजूद वार्डों में पार्षदों का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीद्वारों के उत्साह में कोई कमी नहीं है। हालांकि चुनाव अभी दूर है, लेकिन रणनीति बननी शुरु हो गई है। कुछ प्रत्याशियों ने तो बाकायदा अपने चुनाव लड़ने की घोषण भी कर दी है।
इन्होंने कर दी है उम्मीद्वारी की घोषणा
कुछ प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने अपने-अपने वार्डो से पार्षद के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इनमें वार्ड सात की निवर्तमान पार्षद सरोज गिरधर के पति बसंतलाल गिरधर ने प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन प्रधान पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित होने के कारण वे ऐसा नही कर पाएंगे। बसंतलाल गिरधर का कहना है कि वे गत 30 सालों से अधिक समय से समाजसेवा में हैं। इसके अतिरिक्त गत पांच वर्षो में भी उन्होंने अपने वार्ड में विकास के कार्य करवाए हैं। वार्ड के मतदाताओं की भावनाओं को देखते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

बसंत लाल गिरधर

वार्ड छह के पार्षद तथा निवर्तमानउपप्रधान शैंकी गिरधर ने भी कहा है कि वार्ड चाहता है कि चुनाव लड़े। गत पांच वर्षों में उन्होंने अपने वार्ड में बहुत अधिक विकास कार्य करवाएं हैं। गलियां पक्की हुई है, पार्क बने हैं। ऐसे में फिलहाल उनकी चुनाव लड़ने की तैयारी है।
वार्ड 15 इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। निवर्तमान पार्षद मनोज उर्फ शंपी तागरा ने यहां से फिर से दावेदारी ठोक दी है। शंपी ने कहा है कि वार्ड की पंचायत ने इजाजत दी तो वे अपने परिवार से किसी महिला को चुनाव लड़वाएंगे। उनके खुद के चुनाव लड़ने के बारे में भी पंचायत ही अंतिम निर्णय लेगी।

शैंकी गिरधर

वार्ड आठ पिछड़ा वर्ग आरक्षित वार्ड है। निवर्तमान पार्षद मधु सैनी के प्रतिनिधि कुक्की सैनी ने भी वे चुनाव के लिए तैयार है। कुक्की सैनी भी गत पांच वर्षों में उनके द्वारा करवाए गए कार्यों को अपनी ताकत बता रहे हैं। हालांकि इनका कहना है कि अंतिम निर्णय तो उनके वार्ड की पंचायत ने ही करना है।

कुक्की सैनी

इन्होंने ठोक दी है दावेदारी
नए दावेदारों में सबसे पहला नाम पंजाबी सेवा समिति के प्रधान विजय चाबा का आया है। विजय चाबा ने वार्ड वार्ड से 11 से पार्षद का चुनाव लड़ने की घोषणा की दी है। इस वार्ड की निवर्तमान पार्षद सुनीता खुराना के पति जोगेंद्र खुराना ने भी विजय चाबा के समर्थन की घोषणा कर दी है। चाबा ने बाकायदा चुनाव अभियान शुरु कर दिया है।

विजय चाबा

वार्ड एक इस बार सामान्य है। निवर्तमान पार्षद बबीता यादव के प्रतिनिधि सुनील यादव का कहना है कि उन्होंने गत पांच वर्षों में वार्ड में हरसंभव विकास कार्य करवाए हैं। आगे वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसका निर्णय वार्ड की पंचायत करेंगी। वार्ड दो के निवर्तमान पार्षद मुकेश सैनी ने भी गेंद पंचायत के पाले में डाल दी है। वहीं वार्ड तीन निवर्तमान पार्षद रमेश दहिया की पत्नी का नाम प्रधान पद के प्रत्याशियों में लिया जा रहा है। रमेश दहिया का कहना है कि चुनाव के लिए तैयार हैं। समय और परिस्थिति के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लगभग ऐसी ही स्थिति वार्ड पांच के पार्षद अनिल चावरियां की है। अनिल के परिवार से भी प्रधान पद के लिए प्रत्याशी होने की चर्चाएं हैं। हालांकि अनिल का कहना है कि अभी उनके सामने सभी विकल्प खुले हैं। अपने समर्थकों, पंचायत व शहरवासियों के बातचीत के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वार्ड नौ से निवर्तमान पार्षद व पालिका प्रधान फतेह सिंह भी चुनाव लड़ने से इंकार कर तो रहे हैं, लेकिन समय अनुसार अंतिम निर्णय लेने की बात भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब अपने काम व परिवार पर ध्यान देना चाहते हैं। वार्ड दस के पार्षद संतोष बहमनी के प्रतिनिधि जगबीर बहमनी के परिवार से भी किसी के प्रधान पद का चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। जगबीर का कहना है इस बारे में उन्होंने अभी कुछ भी तय नहंी किया है। पंचायत व शुभचिंतकों से बात करके कुछ समय बाद निर्णय लिया जाएगा। वार्ड 12 की निवर्तमान पार्षद संगीता अग्रवाल के पति संजीव अग्रवाल ने भी अंितम निर्णय वार्ड की पंचायत पर ही छोड़ा है। इधर वार्ड 13 के निवर्तमान पार्षद बंटी सिंहमार का कहना है कि वे अपनी पत्नी को प्रधान पद का चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने तैयारियां भी आरंभ कर दी हैं।
इन्होंने किया है साफ इन्कार
वार्ड चार के निवर्तमान पार्षद कृष्ण नहरा ने आगे पार्षद का चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है। नहरा का कहना है कि अब वे अपने वार्ड में किसी योग्य प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। यही कहना है कि वार्ड 14 के निवर्तमान पार्षद धर्मबीर घणघस का। धर्मबीर का कहना है कि अब वे अपने काम पर ध्यान देना चाहते हैं। उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।
खैर अंतिम समय तक कौन मैदान मे रहेगा या कौन नहीं रहेगा। या फिर कौन नए नाम आएंगे। यह तो वक्त ही तय करेगा। ये बात अवश्य है कि महम में इन दिनों पालिका चुनावों को लेकर गतिविधियां तेज हैं।24c न्यूज के प्रतिनिधि से बातचीत पर आधारित इंदू दहिया 8053257789

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