महिला रक्तदाता को सम्मानित करते अतिथिगण

महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए करेंगी कार्य

रक्तदान शिविर में 75 रक्तदाताओं ने किया रक्तदान
महम की महाजनान धर्मशाला में लगाया गया शिविर

रक्तदान शिविर में रक्तदान करने आई महिलाओं में देखी गई खून की कमी से भावी महिला डाक्टर को नया आइडिया मिला है। एमबीबीएस की छात्रा तथा रक्तदान शिविर की संयोजक सिमरन ने संकल्प लिया है कि वे डाक्टर बनकर महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए अभियान चलाएंगी।  गुरुवार को यहा महाजनान धर्मशाला में लगाए गए शिविर में 75 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया।
सिमरिन बैंगलोर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। लॉकडाऊन में यहां आई तो उसने यहां रक्तदान शिविर का आयोजन करने की योजना बनाई। रैडक्रास सोसायटी रोहतक तथा रोट्रक्ट क्लब ऑफ दा कैन्ड्यूसीयस के सौजन्य से लगाए गए रक्तदान शिविर में 75 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। सिमरन रोट्रक्ट क्लब ऑफ दा कैन्ड्यूसीयस के साथ एक प्रोजैक्ट पर काम कर रही है।

सिमरन खुद भी नहीं कर पाई रक्तदान
रक्तदान शिविर में दस महिलाएं रक्तदान के लिए आई। इनमें सिमरन खुद भी शामिल थी। सिमरन सहित नौ महिलाओं ने रक्त की कमी थी, इसलिए ये महिलाएं रक्तदान नहीं कर पाई। केवल एक 45 वर्षीय महिला रेणू की रक्तदान कर पाई। रेणू सिमरन की मां है। सिमरन ने कहा कि उसे पता ही नहीं था कि उसमें भी रक्त की कमी है।
महिलाओं के लिए करेगी कार्य
सिमरन का कहना है कि महिलाओं में रक्तदान के प्रति जबरदस्त उत्साह था, लेकिन वे रक्तदान नहीं कर पाई। रक्तदान नहीं कर पाने का दर्द उनमें साफ देखा जा सकता था। महिलाओं की यह स्थिति देखकर उनके मन में आया कि महिलाओं में अक्सर होने वाली रक्तदान की कमी के प्रति महिलाओं के जागरुक किया जाएगा। वे डाक्टर बनकर इस दिशा में गंभीरता से कार्य करेंगी। सिमरन का कहना है कि अभी तक उनका इरादा है कि वे भारत में रहकर विशेषकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कार्य करेंगी।

रक्तदान शिविर में सिमरन के पिता संजीव कुमार के अतिरिक्त रैडक्रास सचिव देवेंद्र चहल, जगत सिंह काला, राजकुमार मोर, धर्मबीर वकील, रविकाला, अजमेर सिंहमार, सचिन वकील, अजमेर सिंह, बसंतलाल गिरधर, प्रीत सिंह तथा अजय सिंगला का विशेष सहयोग रहा।  

फोटो-सोहन फरमाणा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *