मोखरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का पांचवा दिन
संजीव
मोखरागांव मोखरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह कथा का वाचन हुआ। कथावाचक पंडित जितेंद्र दीक्षित ने रास पंच अध्याय के बारे में बताया तथा कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं।
कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कल्यवान का वध, उद्धव गोपी संवाद, ऊद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना का भावपूर्ण वर्णन किया गया।
पंडित जितेंद्र दीक्षित जी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण व रुक्मणी के विवाह की खूबसूरत झांकी भी निकाली गई।
जीव परमात्मा का अंश
कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे।
बुधवार को कथा का शुभारंभ निवर्तमान जिला पार्षद लक्ष्मी देवी ने किया । आयोजकों ने उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। गुरुवार को भागवत कथा में सुदामा चित्रण और शुकदेव की विदाई का मंचन होगा।
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