वृद्ध पिता सहित दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं शीलक राम उर्फ शिल्लू रोहिल्ला
महम के क्रांति चौक पर है रोहिल्ला फोटो स्टूडियो
रोहिल्ला समाज के सामाजिक संगठन में थे सक्रिय पदाधिकारी
आर्य समाज में भी दे रहे थे योगदान
गत योजना में लड़ा था सरपंच का चुनाव भी
महम
कभी-कभी नाम और धंधा बहुत बड़ा नहीं होता है, लेकिन व्यक्ति अपने स्वभाव और समाज को देने वाले छोटे-छोटे योगदानों के कारण स्वयं बड़ा हो जाता है। ऐसा व्यक्ति जब अचानक दुनिया छोड़ जाता है तो समझ मंे आता है कि जाने वाला कैसा था और कौन था?
शनिवार की सुबह ने महम क्षेत्र को एक अत्यंत दुःखद खबर ने झकझोर कर रख दिया। शुक्रवार की देर रात मदीना के शीलक राम रोहिल्ला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। पेशे से फोटोग्राफर, बेहद मिलनसार, समाजसेवी और हर किसी से हंसकर मिलने वाला शिलक राम उर्फ शिल्लू अब महम का इतिहास बन गया है, लेकिन एक बात साफ है कि बहुत साधरण सा जीवन जीने वाला शिल्लू लंबे समय तक महम के जनमानस तथा प्रदेश भर के रोहिल्ला समाज में जिंदा रहेगा।
मदीना निवासी लगभग 53 वर्षीय शिलक राम महम क्षेत्र के एक जाने-माने फोटोग्राफर थे। उनका क्रांति चौक पर रोहिल्ला फोटो स्टूडियो है। शुक्रवार की रात उन्हें अचानक हार्टअटैक हुआ। इलाज के लिए उन्हें महम के शिवानंद धर्माथ औषधालय लाया गया, लेकिन उनकी इसी दौरान मौत हो गई।
रोहिल्ला समाज की समाजिक संस्थाओं में थे सक्रिय
पिछले कुछ समय से शिलक राम अपना अधिकतर समय रोहिल्ला समाज की संस्थाओं को दे रहे थे। उनके अति नजदीकी साथी डा. राजेश फरमाणा ने बताया कि वे विश्व रोहिल्ला राजपूत संघ के महम मंडल अध्यक्ष के अतिरिक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य तथा संरक्षक भी रहे हैं। इसके अतिरिक्त रोहिल्ला समाज की नवगठित संस्था के लिए भी सक्रिय रुप से योगदान दे रहे थे। शीलक राम शहीद सेवा दल के रोहतक अध्यक्ष भी थे। यह संस्था शहीदों के लिए सम्मान के लिए कार्य करती है। पिछले दिनों उन्होंने महम चौबीसी के गांव-गांव जाकर रोहिल्ला समाज की जनगणना भी की थी। गत योजना में उन्होंने मदीना कोरसान से सरपंच का चुनाव भी लड़ा था।
आर्यसमाज में भी दे रहे थे योगदान
डा. राजेश फरमाणा ने बताया कि रोहिल्ला समाज के समाजिक संगठनो के साथ आर्य समाज में भी उनका सक्रिय योगदान था। एक सप्ताह पहले ही उन्होंने आर्य समाज टिटोली में अपना उद्बोधन देते हुए कहा था कि वर्तमान समय में आर्य समाज को विकास के लिए उपयुक्त समय है।
ये हैं अब शिलक राम के परिवार में
शिलक राम के परिवार में अब उनके वृद्ध पिता साधुराम के अतिरिक्त पत्नी राजबाला तथा बेटा रक्षक व हर्ष हैं। बेटी रेणू विवाहित है। माता सुंदरी देवी का निधन हो चुका है। इसके अतिरिक्त दो पौत्री भी हैं। शिलक राम चार भाई थे। जिनमें से दो का पहले का निधन हो चुका है। अब उनका एक भाई है।
शनिवार की शाम को पोस्टमार्टम के बाद उनके शव का गांव मदीना में अंतिम संस्कार कर दिया। शिलक राम के निधन से इलाके में शोक की लहर है। समाजसेवी महाबीर सहारण ने कहा है कि शिलक राम के निधन से समाज के साथ-साथ समूचे क्षेत्र को अपूर्णीय क्षति हुई है। उन्हें उनका व्यक्तिगत रूप से भी सहयोग व मार्गदर्शन मिल रहा था। शिलक राम द्वारा छोड़े गए अधूरे कार्यों को पूरा करना हम हमारी जिम्मेदारी है। दीपक दहिया/ 8950176700
आज की खबरें आज ही पढ़े
साथ ही जानें प्रतिदिन सामान्य ज्ञान के पांच नए प्रश्न
डाउनलोड करें, 24c न्यूज ऐप, नीचे दिए लिंक से
Link: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.haryana.cnews
Good job
thank you