मोखरा में श्रीमदभगवद कथा का दूसरा दिन
संजीव मोखरा
कथा वाचक प. जितेंद्र दीक्षित ने कहा है कि भगवान को समर्पित एक एक मंत्र भगवान समान है।कलयुग में मानव के सोचने की दिशा नकारात्मक हो गई है, इसलिए उसे कई प्रकार के कष्टों से गुजरना पड़ता है। प. जितेंद्र दीक्षित मोखरा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में दूसरे दिन साधकों को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि भगवान की सच्ची भक्ति करने के लिए हमें अपनी सोच को सुंदर बनाना होगा।
प. जितेंद्र दीक्षित ने कथा का इतिहास बताते हुए कहा कि श्रीकृष्ण भगवान ने शुक्र को धरती पर भेजा और उन्होंने राजा परीक्षित को कथा सुनाई। इस प्रकार भागवत कथा आम लोगों तक पहुंची और लोग सत्कर्म की ओर बढऩे लगे। आज हर मानव को समाज के लिए जीना चाहिए, इससे न केवल समाज स्वच्छ व बेहतर बनेगा, बल्कि उसका कल्याण भी हो जाएगा।
महाभारत प्रसंग को प्रारंभ करते हुए कहा की हमें अनावश्यक रूप से किसी के ऊपर कटाक्ष नहीं करना चाहिए जब द्रोपदी ने दुर्योधन से कहा कि तू अंधा तेरा बाप भी अंधा। दुर्योधन को द्रोपदी की यह बात अच्छी नहीं लगी। द्रोपदी का यही कटाक्ष महाभारत के युद्ध का कारण बना।उन्होंने महाभारत के अलावा भी कई प्रेरक प्रसंग व कहानियां सुनाई। ग्रामीण कथा का आनंद ले रहे है। कथा एक सप्ताह तक चलेगी।
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