महात्मा कबीर वाणी
दोहरे चरित्र वाले व्यक्तियों से सावधान रहना चाहिए। कुछ व्यक्ति देखने में अच्छे और शिष्ट दिखते हैं, लेकिन वो होते नुकसानदायक हैं। महात्मा कबीर का इस संबंध में एक अत्यंत सुंदर दोहा है।
मन मैला तन ऊजला बगुला कपटी अंग।
तासों तो कौआ भला तन मन एक ही रंग।।
अर्थात बगुले का तन तो उजला है, लेकिन मन में हमेशा मैल रहता है। कपट भाव से पानी में जीवों को पकड़ता है। उससे तो कौआ ही भला है। कम से कम उसका तन और मन एक ही जैसे है। वह ककर्श बोलता है तो रंग भी काला है।
व्यक्ति केवल दिखने से अच्छा नहीं होता। उसका अच्छा होना भी जरुरी है।
आपका दिन शुभ हो
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