भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में नहीं मिले संकेत

चुनाव की घोषणा के बाद ही होता दिख रहा है प्रत्याशी का खुलासा
कुछ प्रत्याशियों ने कर रखी है चुनाव लड़ने की तैयारी
महम

पूरे राज्य की तरह महम में भी इन दिनों पालिका तथा ग्राम पंचायत चुनावों की चर्चा जोरों पर है। महम का पालिका अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो चुका है। अभी तक भाजपा अकेला ऐसा दल है, जिसने पार्टी के चुनाव चिह्न ’कमल’ के निशान पर पालिका चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। कम से कम अध्यक्ष पद का चुनाव तो पार्टी के निशान पर होना तय है।
केंद्र तथा राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। पालिका तथा ग्राम पंचायत चुनावों में सत्ता एक बड़ा फर्क डालती है। सत्ताधारी दल अक्सर बढ़ते में देखे जाते हैं। यही कारण है कि महम में भाजपा किसको ’कमल’ का निशान थमाती है, इसको लेकर इन दिनों खूब कयास लगाए जा रहे हैं।
बुधवार को महम को भाजपा कार्यालय में हुई पार्टी की चुनाव समिति की बैठक के बाद इन चर्चाओं का बाजार और अधिक गर्म हो गया है।

भाजपा की जिला महासचिव मीना वाल्मीकि

कौन-कौन दिख रहे हैं वर्तमान में दावेदार
वर्तमान में देखा जाए तो भाजपा की टिकट के लिए कम से कम 6 दावेदारों की चर्चा है। इनमें से कुछ ने तो चुनाव के लिए खुद को तैयार भी घोषित कर दिया है। जबकि कुछ अभी सीधे कुछ कहने से बच रहे हैं। अगर भाजपा के प्रत्याशी के रूप में दावेदारों पर नजर डाली जाए तो अभी तक सामने आए नामों में अनुसूचित जाति मोर्चा की भाजपा की जिला महासचिव मीना वाल्मीकि, अनुसूचित जाति मोर्चा के महम मंडल महामंत्री दीपक बिडलान के पत्नी गीता बाल्मीकि के अतिरिक्त भाजपा में लंबे समय से काम रहे रमेश खटीक की पुत्रवधु चेतना के लिए खुद घोषणा कर चुके हैं कि उन्हें पार्टी का आशीर्वाद मिला तो वे चुनाव लड़ना चाहते हैं।

रमेश खटीक की पुत्रवधु चेतना

इनकों भी नहीं किया जा सकता अनदेखा
भाजपा के टिकट के दावेदारों में तीन नाम और भी हैं। ये तीनों निवर्तमान पार्षद या पार्षद प्रतिनिधि हैं। इनमें से फतेह सिंह पंवार तो निवर्तमान पालिका अध्यक्ष भी हैं। फतेह सिंह के परिवार से भी किसी महिला के चुनाव में भाजपा का आशीर्वाद मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि फतेह सिंह कह चुके हैं कि वे पालिका के प्रधान रह चुके हैं, अब आगे उनका चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। पूर्वप्रधान जगबीर बहमनी के परिवार से भी किसी महिला को भी भाजपा की टिकट मिलने की चर्चा है। हालांकि जगबीर का कहना है कि फिलहाल उनका ध्यान पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में है। उन्होंने चुनाव लड़ने की नहीं सोची है। एक अन्य नाम निवर्तमान पार्षद अनिल चावरिया का भी है। अनिल चावरिया का कहना है कि वे गत 20 वर्षों से स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं। अनुसूचित जाति की महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित हुआ है। ऐसे में वे चुनाव लड़ने की संभावना से इंकार नहीं कर रहे। उन्होंने कहा है कि अंतिम निर्णय तो पार्टी को ही करना है कि पार्टी किसको चुनाव मैदान में उतारना चाहती है।

गीता वाल्मीकि

भाजपा ने नहीं खोेले हैं पत्ते
भाजपा की टिकट चाहने वाले प्रत्याशियों की धड़कने अभी लंबे समय तक बढ़े रहने की संभावना है। बुधवार को पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक में पालिका चुनाव के लिए फीड बैक तो लिया गया। साथ ही सपष्ट कह दिया गया कि पार्टी का चुनाव निशान ही असली प्रत्याशी होगा। जिसको भी यह निशान दिया जाए उसकी सबको मिलकर मदद करनी है। बैठक में किसी भी प्रत्याशी के लिए विशेष संकेत नहीं दिए गए। केवल पार्टी को मजबूत करने तथा मिलकर चुनाव लड़ने का आह्वान किया गया।
ऐसे में साफ है कि महम में पालिका प्रधान के चुनावों के लिए भाजपा प्रत्याशी के नाम को लेकर चर्चा और कयास अभी जारी रहेंगे।24c न्यूज /8053257789

(प्रस्तुत रिपोर्ट उपलब्ध तत्थों, जानकारियों और बातचीत के आधार पर है। साथ ही निजी विचार व विशलेषण भी हैं।)

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