महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल महम में मनाई गई महाराजा अग्रसेन जयंती

महाराजा अग्रसेन युग प्रवर्तक थे। उनके सिद्धांतों ने प्राचीन भारत के विकास को गति दी थी। महाराजा अग्रसेन के सिद्धांत आज भी प्रासांगिक हैं। उनके सिद्धांतों में आर्थिक विकास के साथ-साथ भाईचारे और सामाजिक विकास का भी समायोजन है। महाराजा अग्रसेन जयंती के अवसर पर महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल महम हुए कार्यक्रम तथा निबंध प्रतियोगिता में वक्ताओं तथा विद्यार्थियों ने महाराजा अग्रसेन के बारे में ऐसे ही विचार व्यक्त किए हैं।
कोरोना महामारी के दिशा-निर्देशों को ध्यान मे रखते हुए आयोजित किए गए इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि वेदप्रकाश गर्ग थे। अध्यक्षता अग्रवाल सभा के प्रधान अनिल राय गोयल ने की।
वेदप्रकाश गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि महाराजा अग्रसेन भारत का गौरव हैं। देश ही नहीं, दुनिया की आर्थिक व सामजिक व्यवस्था उनके सिद्धांतों पर टिकी है। प्रधान अनिल राय गोयल ने कहा कि महाराजा अग्रसेन का ‘एक ईंट-एक रुपए’ का सिद्धांत अद्वितीय सिद्धांत है। इस सिद्धांत के तहत महाराजा अग्रसेन अपने राज्य में आश्रय लेने आने वाले प्रतिभावान व्यक्तियों को आश्रय के साथ सुरक्षा देने का वचन भी देते थे। ताकि प्रतिभावान व्यक्ति निर्भय होकर अपनी सृजनात्मक शक्ति का प्रयोग राज्य हित में कर सकें। प्राचार्य सूर्य सांई कुमार ने भी इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन के जीवन पर प्रकाश डाला। प्रधान अनिल राय ने बताया कि आयुष गोयल व पूर्वा निबंध प्रतियोगिता में विजेता रहे।
इस अवसर पर सभा प्रबंधक विनोद गुप्ता, मुख्य सलाहकार प्रहल्लाद गोयल, उपप्रधान महेंद्र कुमार सिंगला के अतिरिक्त कृष्ण दास अग्रवाल, प्रमोद कुमार गोयल, सुभाष चंद्र गोयल, प्रवीन कुमार गोयल, राजकुमार गोयल, पूर्व प्रधान सुशील गुप्ता तथा पुरुषोत्तम दास गोयल भी उपस्थित रहे।
इस स्लोगन को मिला विशेष पुरस्कार
बांध पगड़ी जब अग्रसेन तैयार होते,
उठा तलवार जब घोड़े पर सवार होते,
देखते लोग और कहते, काश
हम भी अग्रवाल होते।।

प्रधान अनिल राय गोयल ने 12वीं कक्षा की छात्रा पूर्वा द्वारा बोले गए इस स्लोगन पर विशेष पुरस्कार देने की घोषणा की है। गोयल ने 24सी न्यूज को बताया उन्हेें यह स्लोगन पसंद आया। वे छात्रा को इसके लिए पुरस्कृत करेंगे।

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