किसान और मक्के की खेती
किसी गांव में एक किसान था जो मकई की उच्च गुणवत्ता वाली खेती के लिए जाना जाता था। हर साल वो किसान राज्य के किसान मेले में प्रथम पुरस्कार जीतता था। आस पास के कई राज्यों में भी उसकी मकई की खेती की खूब चर्चा होती थी।
एक बार एक रिपोर्टर ने उस किसान का साक्षात्कार करने का फैसला किया जिससे और किसानों को भी प्रेरणा मिले। जब रिपोर्टर ने किसान से उसकी गुणवत्ता वाली मकई की खेती के बारे में पुछा तो किसान ने सभी किसान पड़ोसियों के साथ अपने सर्वोत्तम गुणवत्ता के बीज साझा किए। सभी को अपनी खेती करने का तरीका भी बताया।
अंत में रिपोर्टर ने पूछा, “आपने अपने सभी पडोसी किसानों को अपनी गुणवत्ता वाली मकई की खेती का तरीका बताया। क्या इससे आपकी प्रतिस्पर्था बढ़ नहीं गई ? जबकि आप जानते है की यह सब किसान आपसे कृषि मेले में प्रतिस्पर्धा करते हैं?”
किसान ने जबाब दिया, “क्या आप नहीं जानते हैं कि हवा पकने वाले मकई से पराग उठाती है, और यह हवा एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में घूमती है। यदि मेरे पड़ोसी ख़राब गुणवत्ता वाली मकई उगाते हैं, तो पार परागण अंततः मेरे मकई की गुणवत्ता को भी ख़राब कर देंगे। यदि मैं उच्च गुणवत्ता वाले मकई उगाने वाला हूं, तो मुझे अपने पड़ोसियों को भी अच्छा मक्का उगाने में मदद करनी चाहिए।”
हमारे जीवन के साथ भी ऐसा ही है। हम लोग शांति और ख़ुशी से रहना तो पसंद करते हैं, पर नहीं चाहते की और लोग खुश रहें। यदि हम खुश रहना चाहते हैं तो अपने आसपास के लोगों को भी खुश रहने में मदद करनी चाहिए। जो प्रेम करने की इच्छा रखता है, उसे पहले दूसरों से भी प्रेम करना सीखना चाहिए। जो अच्छी तरह से जीने का विकल्प चुनता है, उसे दूसरों को भी अच्छी तरह से जीने में मदद करनी चाहिए, क्योंकि जिस जीवन को वह छूता है, उसके द्वारा जीवन का मूल्य मापा जाता है। जो लोग खुश रहना चुनते हैं उन्हें दूसरों को अपनी खुशी का पता लगाना चाहिए क्योंकि प्रत्येक का कल्याण सभी के कल्याण के साथ जुड़ा हुआ है।
आपका दिन शुभ हो!!!
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