सेठ माईदयाल परिवार ने किया आयोजन
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती रविवार को महम आए। उन्होंने यहां श्रद्धालुओं को सम्बोधित किया। यह आयोजन सेठ माई दयाल नम्बरदार परिवार की ओर के किया जा रहा है। सांसद अरविंद शर्मा ने भी शंकराचार्य जी का आशीर्वाद लिया।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज से 2500 वर्ष पूर्व जब भारत मे वेदों के प्रति अनास्था बढ़ रही थी। वेदों पर प्रहार हो रहा है था तब भगवान आदि शंकराचार्य का अवतरण हुआ था। उन्होंने भगवान शंकराचार्य के एक प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि जो विद्यार्थी एक एक क्षण का सदुपयोग करता है, वह महान विद्वान बनता है। भगवान शंकराचार्य ने बाल्यावस्था से ही एक एक क्षण का सदुपयोग किया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वेद सनातन धर्म का मूल हैं। शंकराचार्यों को सनातन धर्म का श्रेष्ठ आचार्य माना जाता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की आवश्यकता के साथ ही गुरु की आवश्यकता होती है। भगवान नारायण प्रथम गुरु हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि गुरु भी वेद के विरुद्ध बोलने वाला नहीं होना चाहिए। यदि गुरु वेद के विरुद्ध बोलने वाला है तो उसकी बात भी नहीं माननी चाहिए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी को शोभायात्रा के साथ लाला माईदयाल हवेली तक लाया गया। भक्तों ने नाचते गाते स्वामी जी अगुवाई की। इसके बाद लाला जोगीराम मैदान में स्वामी जी का प्रवचन हुआ। यहां विधिविधान से पादुका पूजन आदि किया गया। इस अवसर पर आयोजक विनोद गोयल नम्बरदार, पालिका उपप्रधान बसन्त लाल गिरधर, जगत सिंह काला, डॉ. अर्जुन गोयल, सुशील गुप्ता, रामावतार गुप्ता, पार्षद विनोद कुमार व बॉबी गोयल आदि भी उपस्थित रहे। इंदु दहिया/ 8053257789
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