परमात्मा पूर्ण है और पूर्ण कभी अपूर्ण का निर्माण नहीं करता

परमात्मा अनेका अनेक योनियां बनाई हैं। हर योनी एक दूसरे से अलग और केवल एक योनी ही दूसरी योनी से अलग नहीं हैं, हर योनी का प्राणी भी अपने आप में अपनी ही योनी के प्राणी से अलग होता है। मनुष्य में तो यह सिद्ध हो चुका है कि एक व्यक्तियों के ऊंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियां भी दूसरे व्यक्ति से नहीं मिलते। यह समझने के लिए एक सुंदर कहानी है।
एक फ़कीर हमेशा ये कहते थे कि हर व्यक्ति पूर्ण हैं। परमात्मा ने किसी भी व्यक्ति को अपूर्ण नहीं बनाया। ऐसा वे लगातार कहते थे।
एक बार एक तार्किक बुद्धि के व्यक्ति ने फकीर की इस बात को चुनौती दी। वह एक दिन एक बहुत अधिक कुबड़े व्यक्ति को फकीर के पास ले गयां। व्यक्ति के अधिकतर अंग डेढे़ मेढ़े थे।
उस तार्किक बुद्धि के व्यक्ति ने फकीर के पास जाकर कहा कि आप तो कहते हो कि हर व्यक्ति पूर्ण होता है। ये देखिए! इसे भी परमात्मा ने बनाया है। ये आपकों पूर्ण दिखाई देता है क्या?
फकीर ने तुरंत कहा, वाह! क्या कुबड़ा है। पूर्ण कुबड़ा! वहा रे परमात्मा कुबड़ा भी पूर्ण बना दिया।
अब तार्किक बुद्धि का व्यक्ति निरुत्तर था। अपने आप को शर्मिंदा महसूस कर रहा था।
अतः परमात्मा की हर कृति अपने आप में पूर्ण है। हर कृति की अपनी विशेषता और महत्व है। परमात्मा की हर कृति का सम्मान कीजिए!

आपका दिन शुभ हो!!!!!

ऐसे हर सुबह एक जीवनमंत्र पढने के लिए Download 24C News app:  https://play.google.com/store/apps/details?id=com.haryana.cnews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *