बाण चलाने के बाद श्रवण कुमार को संभालते राजा दशरथ

आदर्श रामलीला भी सोमवार की रात्रि से हो रही है आरंभ

महम
महम में रामलीलाओं का मंचन आरंभ हो गया है। ऐतिहासिक पंचायती रामलीला रविवार की रात्रि से आरंभ हुई। आदर्श रामलीला सोमवार की रात्रि से आरंभ हो रही है। पंचायती रामलीला के  शुभारंभ समारोह के मुख्यातिथि सैमाण मंदिर के गद्दीनशीन महात्मा महंत सतीश दास थे। पंचायती रामलीला में पहले दिन श्रवण लीला का मंचन हुआ।  
महंत सतीश ने इस अवसर पर कहा कि सनातन संस्कृति में श्रीराम हम सबके अराध्य हैं। भगवान श्रीराम ने अपने लीला काल में मानव संस्कृति के उच्च आदर्शों को स्थापित किया था। इन आदर्शों पर चलकर मानव अपने जीवन को सफल बना सकता है। उन्होंने कहा कि रामलीला मंचन हमारी प्राचीन परंपरा है। इस मंचन के माध्यम् से हम श्रीराम के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाते हैं।
श्रवण लीला रामलीला के आरंभ की महत्वपूर्ण कड़ी है। इस लीला के माध्यम् से दिखाया जाता है कि किस प्रकार राजा दशरथ को पुत्र वियोग में तड़फ-तड़फ कर मरने का शाप मिला। लीला में दिखाया गया कि ़अयोध्या के ़ऋर्षियों के आग्रह पर राजा दशरथ हिंसक जंगली जानवरों के शिकार के लिए निकलते हैं। दूसरी ओर श्रवण कुमार अपने पिता शांतनु तथा माता सौभाग्यवती को तीर्थयात्रा के लिए बहंगी पर बैठा कर निकले हैं।
श्रवण कुमार के माता-पिता को प्यास लगती है। श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए जल लाने सरोवर पर जाते हैं। राजा दशरथ ने हिसंक जंगली जानवर समझ कर श्रवण कुमार पर शब्दभेदी बाण चला दिया।
घायल श्रवण कुमार के मुख से चीख निकली तो राजा को पता चला कि उसने बाण किसी हिंसक जानवर पर नहीं बल्कि ऋर्षि कुमार पर चला दिया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। श्रवण कुमार राजा को उसके माता-पिता को पानी पिलाने की कहकर प्राण त्याग देते हैं।
राजा दशरथ जब श्रवण कुमार के माता-पिता के पास पानी लेकर पहुंचते हैं तो वे दोनों आहट से ही समझ जाते हैं कि वह उनका पुत्र नहीं है। दशरथ उन्हें पूरी घटना सुनाते हैं। शांतनु व सौभाग्यवती पानी नहीं पीते हैं और अपने पुत्र श्रवण कुमार के वियोग में प्राण त्याग देते है। मरते-मरते राजा दशरथ को श्राप दे जाते हैं कि जिस प्रकार उन्होंने अपने पुत्र के वियोग मे प्राण त्यागे हैं। उसी प्रकार राजन् तुम भी अपने पुत्रों के वियोग में ही प्राण त्यागोगे।
रामलीला के सभी पात्रों ने शानदार अभिनय किया। रामलीला का निर्देशन प्रवीण शर्मा कर रहे हैं। दशरथ की भूमिका में रिंकू महेंद्रा तथा श्रवण कुमार की भूमिका में ट्विंकल शर्मा रहे। धर्मा पंडित ने शांतनु तथा कृष्ण सोनी सौभाग्यवती की भूमिका निभाई। शुभारंभ के अवसर पर सोनू पंडित ने मंत्रोच्चारण किया। इस अवसर पर रामलीला प्रधान दीपक दहिया भी उपस्थित रहे। इंदु दहिया/ 8053257789

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