नंगे पाव, भारी कीचड़ में मेले में घुमते ग्रामीणों की श्रद्धा और उत्साह देखते ही बन रहा था
मेले में लगे थे इलैक्ट्रिक झूले, चल रहा था अटूट भंडारा
सामान बेचने वाले दुकानदारों के चेहरों पर भी थी रौनक
महम
बरसता आसमान, भारी कीचड़, गीली चिकनी मिट्टी में फिसलते पांव, नए पहने कपड़ों पर उछलती पैरों से रौंधी गई गिली काली मिट्टी। फिर भी गजब का उत्साह, झूलों पर लगी लाइनें, कीचड़ में सजी दुकानों पर जमा भीड़ और पोलिथिन पर दुकान सजाए दुकानदारों को बात करने की फुरसत नहीं।
ऐसा दृश्य जीवन में शायद ही कभी देखने को मिले। इंद्रदेवता की जिद्द के सामने भराण के वृद्धों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों की जिद्द भारी पड़ती दिखी। गांव भराण के गुगा नवमीं के मेलों को इस दृष्टि से देखना गजब का अहसास था।
जी हा! केवल 12 साल पहले लगने शुरु हुए इस मेले के बारे में यहां दुकान सजाए दुकानदारों ने भी कहा कि नए लगने वाले मेलों में यह सबसे शानदार ग्रामीण मेला है।
लगा था इलैक्ट्रिक एवं नाव झूला
इलैक्ट्रिक एवं नाव झूले आमतौर शहरों में लगने वाले ट्रेड फेयर में देखे जाते हैं। किसी बड़े धार्मिक स्थल से अलग पारंपरिक ग्रामीण मेलों में ऐसे आधुनिक झूले कम ही देखे जाते हैं। भराण के मेले में ये झूले भी लगे थे। इन झूलों की देखरेख कर रहे समुंद्र सिंह ने बताया कि तेज बारिश के चलते कुछ देर तो भीड़ कम रही। शाम होते-होते भीड़ बढ़ने लगी। दोनों की झूलों पर लंबी-लंबी लाइनें लगी थी। झूलें लगाने वालों का मानना था कि खराब मौसम के बावजूद यहां झूले लगाना संतोषजनक रहा।
ग्रामीण मेलों की बढ़ने लगी है रौनक
यहां दुकान सजा रहे दुकानदारों का कहना है कि कद्दीम अर्थात पुराने वर्षों से लगने वाले मेलों का भी बीच में महत्व कम होने लगा था। लेकिन कुछ समय से इन मेलों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। ग्रामीण इन मेलों में खासकर बच्चों के खिलौने आदि जरूर खरीदते हैं। गले की मालाओं और अन्य श्रृगांर के सामान को मेले में खूब खरीदा जाता है। खिलौनों की दुकान सजा रहे रोहतक के संजय कुमार ने बताया कि उनके पास वे मेले में 10 रूपए से 100 रूपए तक का आइटम बेच रहे हैं। मौसम की खराबी के बावजूद यहां उम्मीद से ज्यादा भीड़ है। ग्रामीण सामान खरीदने में भी रूचि ले रहे हैं। मूर्ति बेचने वाले रमेश कुमार 50 से 300 रूपए तक की मूर्ति बेचते है। उनका भी कहना है कि इस मेले में आकर उन्हें अच्छा लग रहा है। खरैंटी की जसवंती का कहना था कि यह मेला लगातार बढ़ रहा है।
क्या कहना है संचालकों का
मेले के व्यवस्थापक सेवानिवृत कार्यकारी अभियंता हवा सिंह का कहना है कि जिस प्रकार के प्राकृतिक हालात बन गए थे। उनके चलते लगता नहीं था कि इस मेला उत्साहजनक रहेगा। लेकिन खराब मौसम के बावजूद मेले के प्रति उत्साह ने उनका हौंसला बढ़ाया है। अगली बार इस मेले को और बढ़ा रूप देने का प्रयास किया जाएगा।
विधायक ने की व्यवस्थाओं की सुधारने की घोषणा
इस मेले में मुख्यातिथि के रूप में आए विधायक बलराज कुन्डू ने कहा कि इस मेले के परिसर को सुधारने के लिए वे अपना पूरा योगदान देंगे। मेला स्थल तक मुख्य मार्ग को नए सिरे से तैयार किया जाएगा ताकि इसके ऊपर कीचड़ ना हो। इसके अतिरिक्त मेला परिसर के चबूतरों को नए रूप में बनाया जाएगा। खाने पीने का सामान बनाते समय बारिश से व्यवधान ना पड़े, इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी। इस अवसर पर यह भी घोषणा की गई कि नए वर्ष से महम में आंखों की निःशुल्क आपरेशन की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ ओमबीर राठी ने अपनी सेवाएं देने की घोषणा की है। टीवी लोक कलाकार राकेश भराणियां एवं उनकी टीम ने मेले के दौरान रागनियां व लोक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। राकेश की प्रस्तुतियों को ग्रामीणों ने खूब सराहा गया।
महम तथा खरकड़ा में लगे मेले
गुगानवमीं के उपलक्ष्य पर महम की खांड की मंडी परिसर तथा खरकड़ा के गुगापीर मंदिर पर भी मेले सजे। इन मेलों में भी भारी उत्साह देखा गया। खरकड़ा में ग्रामीणों ने गुगापीर की पूजा अर्जना की तथा मेलें में खरीददारी की।24c न्यूज/ इंदु दहिया 8053257789
सभी फोटो मंजीत राठी भराण ने उपलब्ध करवाए है
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