पंजाबी रामा क्लब में बन रहा है पुतला

70 साल से हो रहा है महम में रावण दहन!!

  • वर्तमान पंजाबी रामा क्लब में बनता है जलने के लिए रावण
  • इस बार रथ में निकेलगी ‘श्री राम’ की सवारी
  • फिर से दस सिरों का होगा दशानन

05 अक्टूबर को दशहरे के पर्व पर पूरे देश के साथ-साथ दुनिया के भी कई देशों में रावण दहन होगा। इस दिन लगभग 10 दिनों से चल रही रामलीलाओं में भी रावण वध होता है। हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले दशहरा पर्व पर रावण दहन सर्वाधिक आकषर्ण का केंद्र होता है।

पुतला अलग-अलग भागों में आया है

महम में रावण दहन की परंपरा 70 साल पुरानी है। इस बार महम का रावण लगभग 30 फुट ऊंचा होगा।

मूर्खमंडल ने किया था पहला दशहरा दहन

महम में पहला दशहरा दहन 1950 में हुआ था। बटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए परिवारों ने महम में रावण दहन आरम्भ किया था। जोगिंद्र मुंजाल ने बताया कि वर्तमान पंजाबी रामा क्लब परिसर में रामलीला का आयोजन भी किया जाता था। रामलीला बंद होने के बाद रासलीला व रामकथा का आयोजन भी होता रहा है। पंजाबी रामा क्लब की स्थापना के समय इसका नाम मूर्खमंडल रखा गया था।लगभग 35 साल पहले इसका नाम पंजाबी रामा क्लब कर दिया गया।

दशहरा मैदान में होता था रावण दहन

1950 से चार साल पहले तक लगतार रावण दहन दशहरा मैदान में होता था। दशहरा मैदान में अब पंजाबी धर्मशाला बन चुकी है। चार साल से रावण दहन नई अनाजमंडी परिसर में किया जा रहा है। इस बार भी नई अनाजमंडी में ही रावण दहन किया जाएगा।

निकाली जाती है शोभायात्रा

दशहरा दहन से पूर्व रामाक्लब से रावण दहन स्थल तक  श्री राम परिवार के अतिरिक्त रावण की शोभायात्रा भी निकाली जाती हैं। ये यात्राएं शहर के मुख्यबाज़ारो से होते हुए दहन स्थल तक जाती हैं। इस बार श्री राम की सवारी रथ पर निकलेगी।

चेचक के कारण नही हो पाया था रावण दहन

जोगिंद्र मुंजाल ने बताया कि 1950 से अब तक लगातार हर वर्ष रावण दहन होता रहा है, लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ था जब रावण दहन नही हो पाया था। 62 साल पहले जब चेचक फैली थी। उस समय आयोजकों ने इस आयोजन को नहीं करने का निर्णय लिया था। यहीं अकेला वर्ष रहा था जब महम में रावण दहन नहीं हुआ था।

रामा क्लब में ही हुआ था एक बार दहन

गत वर्ष कोरोना के कारण रामलीलाएं नही हो पाई थी। ऐसे रावण दहन के कार्यक्रम की योजना भी नही थी। अशोक खुराना ने बताया कि अंतिम समय मे सदस्यों ने पंजाबी रामा क्लब परिसर में ही रावण दहन की योजना बनाई। रावण का पुतला भी 10 फुट के आसपास ही बनाया गया। मास्क आदि लगाकर सदस्यों ने ही रावण दहन की औपचारिकता पूरी की थी।

ये थी पहली कमेटी

मूर्ख मंडल से रामा क्लब बनी संस्था के संस्थापक प्रधान लक्ष्मण दास मुंजाल थे। इसके अतिरिक्त नन्दलाल कटारिया, भगवानदास, पृथ्वीराज दुआ, मूलचंद सुखीजा, देशराज कुकरेजा तथा मोतीराम रहलन आदि प्रमुख सदस्य थे।

ये वर्तमान कमेटी

वर्तमान कमेटी के प्रधान आरडी मुंजाल हैं। आरडी मुंजाल संस्थापक प्रधान लक्ष्मण मुंजाल के बेटे हैं। इसके अतिरिक्त अशोक सुखीजा, जोगिंदर गिरोत्रा, रमेश रहलन, रमेश गिरधर, राकेश कुमार, अशोक खुराना, श्याम छाबड़ा, सुरेश सहगल तथा मोहन लाल अरोड़ा शामिल हैं।

दिल्ली से मंगवाया है पुतला
इस बार रावण का पुतला दिल्ली से मंगवाया गया है। पुतला अलग-अलग भागांे में आया है। इसे रामक्लब में ही जोड़ा जा रहा है। गत वर्ष रावण पुतला महम में बनाया गया था। गत वर्ष पुतले का निर्माण मोहन लाल कुकरेजा ने किया था। उससे पहले मोहन लाल के पिता देशराज कुकरेजा पुतला निर्माण करते थे।

रावण के साथ जलते थे कुम्भकर्ण और मेघनाद भी

महम के रावण दहन के अवसर पर रावण के पुतले के साथ कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले भी जलाए जाते थे। जोगिंद्र मुंजाल ने बताया कि कुछ वर्षों से केवल रावण का पुतला ही जलाया जा रहा है।

फिर से लौटे रावण के दसमुख

महम में दसमुख का रावण ही जलाया जाता था, लेकिन बीच मे कुछ समय से यहां के रावण के दसमुख की बजाय एक ही मुख बनाया जाने लगा था। अशोक खुराना ने बताया कि इस बार फिर से महम के रावण के दसमुख होंगे। क्लब के सदस्य रावण दहन की तैयारियां कर रहे हैं।

24c न्यूज/ इंदु दहिया/ 8053257789

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